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अमेरिका-चीन ट्रेड वार से महंगी हुई बाइबल, धार्मिक समूहों ने ट्रंप पर उठाए सवाल

दुनिया की करीब आधी बाइबल चीन में छपती है। अमेरिका भी बाइबल के लिए काफी हद तक चीन से आयात पर ही निर्भर है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 06:17 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 06:17 PM (IST)
अमेरिका-चीन ट्रेड वार से महंगी हुई बाइबल, धार्मिक समूहों ने ट्रंप पर उठाए सवाल

वाशिंगटन, प्रेट्र। चीन के साथ व्यापार संतुलन के नाम पर टैरिफ वार छेड़ कर बैठे ट्रंप से उनका मुख्य समर्थक वर्ग ही नाराज होता दिख रहा है। चीन से आने वाली वस्तुओं पर भारी-भरकम आयात शुल्क लगाने के फैसले का असर बाइबल की कीमतों पर भी पड़ सकता है। इससे चर्च ट्रंप से खफा बताए जा रहे हैं।

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दुनिया की करीब आधी बाइबल चीन में छपती है। अमेरिका भी बाइबल के लिए काफी हद तक चीन से आयात पर ही निर्भर है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार के मोर्चे पर टकराव पिछले साल मार्च में शुरू हुआ था। उस समय ट्रंप ने चीन से आने वाले स्टील और एल्यूमिनियम पर आयात शुल्क लगा दिया था।

अब तक ट्रंप चीन से आने वाली 250 अरब डॉलर की वस्तुओं पर 25 फीसद का आयात शुल्क लगा चुके हैं। बदले में चीन भी ऐसा ही कदम उठा रहा है। अब ट्रंप ने छपी हुई वस्तुओं समेत चीन से आने वाली 300 अरब डॉलर की वस्तुओं पर आयात शुल्क की बात कही है।

जानकारों का कहना है कि इससे धार्मिक समूहों, चर्चो, स्कूलों, मंत्रालयों और कई गैर-लाभकारी संस्थाओं पर बोझ बढ़ेगा। अमेरिकी सांसद जोश हार्डर ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि राष्ट्रपति ने बाइबल पर अतिरिक्त कर लगाने का विचार किया होगा, लेकिन चीन पर लगने वाले आयात शुल्क से इस पर भी असर पड़ेगा।' उन्होंने ट्रंप को खत लिखकर चीन से आने वाली बाइबल को आयात शुल्क के दायरे से बाहर रखने की अपील की है।

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