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    व्यायाम के लाभ कम करता है वायु प्रदूषण, डाटा का विश्लेषण कर शोधकर्ताओं ने निकाला निष्कर्ष

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By:
    Updated: Mon, 13 Dec 2021 08:06 PM (IST)

    शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन यूके बायोबैंक के एक बड़े बायोमेडिकल डाटाबेस से 8600 लोगों के डाटा का विश्लेषण किया। इनकी औसत आयु 56 वर्ष थी। शोधकर्ताओं ने नाइट्रोजन डाइआक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर का लोगों पर पड़ने वाले असर का अध्ययन किया।

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    शोधकर्ताओं ने कहा, व्यायाम छोड़ना सही नहीं, इससे उम्र से तीन साल युवा महसूस करते हैं

    मिनेसोटा, एएनआइ। वायु प्रदूषण हमें कई तरह से प्रभावित करता है और कई रोगों का कारण बनता है। अब इस दिशा में एक और चिंताजनक बात सामने आई है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि जो लोग बहुत अधिक वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहते हैं, उनके मस्तिष्क को व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों का कम लाभ मिलता है। इस अध्ययन को न्यूरोलाजी जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

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    टक्सन में यूनिवर्सिटी आफ एरिजोना से पीएचडी एवं अध्ययन की लेखिका मेलिसा फलरंग के मुताबिक, जोरदार व्यायाम वायु प्रदूषण के संपर्क में वृद्धि कर सकता है और पूर्व के अध्ययनों से यह पता चल चुका है कि वायु प्रदूषण का मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस तरह यह स्पष्ट है कि वायु प्रदूषण व्यायाम के लाभ को कम करने का काम करता है।

    इस तरह किया अध्ययन

    शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन यूके बायोबैंक के एक बड़े बायोमेडिकल डाटाबेस से 8,600 लोगों के डाटा का विश्लेषण किया। इनकी औसत आयु 56 वर्ष थी। शोधकर्ताओं ने नाइट्रोजन डाइआक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर का लोगों पर पड़ने वाले असर का अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने लोगों के उनके रहने के क्षेत्रों के आधार पर चार समूहों में बांटा। इनमें बहुत कम वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों से उच्चतम प्रदूषण वाले क्षेत्र शामिल थे। प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक गतिविधि के को मापने के लिए उनके शरीर पर एक उपकरण लगाया गया। शोधकर्ताओं ने देखा कि वे कितनी देर जोरदार व्यायाम करते हैं।

    यह आया सामने

    शोधकर्ताओं ने पाया कि हर सप्ताह जोरदार व्यायाम करने वालों के मस्तिष्क में कई सकारात्मक बदलाव देखे गए। वहीं, दूसरी तरफ जो लोग बहुत अधिक वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रह रहे थे उनके मस्तिष्क में वे सभी सकारात्मक बदलाव सामने नहीं आए। बकौल मेलिसा, अध्ययन के दौरान हमने देखा कि कम वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में शारीरिक गतिविधियों का संबंध मस्तिष्क के लाभ से जुड़ा था। वहीं, वायु प्रदूषण के उच्चतम स्तर के कारण व्यायाम की वजह से मस्तिष्क को मिलने वाले कई लाभ दिखाई नहीं पड़े। हम यह नहीं कह रहे कि लोगों को व्यायाम नहीं करना चाहिए। हमारे अध्ययन से पता चलता है कि वायु प्रदूषण का मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। इसे आसान शब्दों में कहें तो वायु प्रदूषण का नकारात्मक प्रभाव एक साल उम्र बढ़ने के प्रभाव का आधा था। वहीं, दूसरी तरफ जोरदार व्यायाम का लाभ इससे बहुत अधिक होता है। इससे उम्र से करीब तीन साल युवा महसूस करते हैं। इस तरह यह स्पष्ट है कि वायु प्रदूषण के कारण व्यायाम छोड़ना गलत है।

    और अध्ययन की जरूरत

    शोधकर्ताओं के मुताबिक, अभी इस पर और अध्ययन की जरूरत है, ताकि पता चल सके कि वायु प्रदूषण के क्षेत्रों में व्यायाम से मस्तिष्क पर कितना प्रभाव पड़ता है। साथ ही जब बहुत अधिक प्रदूषण हो तो खुले में व्यायाम से बचें।