यूएन मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शनों ने इमरान को दिखाया आइना
सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर पाक में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शनों ने पूरी दुनिया के सामने इमरान की पोल खोल दी है।
न्यूयॉर्क, एजेंसी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को UNGA के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए विश्व के इस सबसे बड़े मंच का इस्तेमाल एक बार फिर कश्मीर राग अलापने में किया। उन्होंने एक ओर तो मुस्लिमों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की बात कही लेकिन अपने मुल्क में अल्पसंख्यकों पर हो रहे उत्पीड़नों को वह भूल गए। लेकिन सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शनों ने पूरी दुनिया के सामने उनकी पोल खोल दी।
मानवाधिकारों को लेकर आवाज बुलंद करने वाले कार्यकर्ताओं ने यूएन मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाले उत्पीड़नों को लेकर आवाज उठाई। यही नहीं उन्होंने पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे उत्पीड़नों के खिलाफ भी प्रदर्शन किए। मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालेई स्माइल ने कहा कि हमारी मांग है कि पाकिस्तानी सेना लोगों के खिलाफ उत्पीड़नों को तुरंत खत्म करे और उन लोगों को रिहा करे जिसे उसने उत्पीड़न गृहों में कैद करके रखा है।
इससे इतर अमेरिका में एक विमान ने स्टैचू ऑफ लिबर्टी के ऊपर उड़ान भरते हुए बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकारों का उल्लंघन के संदेशों के साथ उड़ान भरी। स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के चारों ओर उड़ान भरने वाले इस विमान ने यह संदेश दिया कि बलूचिस्तान में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए यूएन लोगों की मदद करे। न्यूयॉर्क में मानवाधिकार कार्यकर्ता शम्स बलोच ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने शक्ति का इस्तेमाल करके बलूचिस्तान पर कब्जा किया है। पाकिस्तान न केवल भारत, अफगानिस्तान और बलूचिस्तान के लिए बल्कि पूरी दुनिया और मानवता के लिए खतरा है।