कोरोना के गंभीर मामलों में स्टेरॉयड मददगार, डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व में किए गए अध्ययनों में हुई पुष्टि
डब्ल्यूएचओ की अगुआई में किए गए इन सात अध्ययनों के नतीजे बुधवार को अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन पत्रिका में प्रकाशित किए गए।
वाशिंगटन, एजेंसी। कोरोना वायरस (COVID 19) के गंभीर मामलों में कई तरह के स्टेरॉयड मददगार साबित हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नेतृत्व में किए गए नए अध्ययनों में इसकी पुष्टि हुई कि स्टेरॉयड दवाओं की मदद से गंभीर रूप से संक्रमित लोगों की जान बचाई जा सकती है।
डब्ल्यूएचओ की अगुआई में किए गए इन सात अध्ययनों के नतीजे बुधवार को अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन पत्रिका में प्रकाशित किए गए। इन अध्ययनों के विश्लेषषण के अनुसार, गंभीर रूप से बीमार लोगों में प्लेसबो दवाओं की तुलना में स्टेरॉयड दवाओं की मदद से मौत के खतरे को एक तिहाई तक कम किया जा सकता है।
स्टेरॉयड को लेकर खुले नए विकल्प
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता डॉ. मार्टिन लैंडरी ने कहा, 'इस नतीजे से स्टेरॉयड को लेकर नए विकल्प खुल गए हैं।' जबकि इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ता डॉ. एंटोनी गार्डन ने कहा कि कोरोना के इलाज की दिशा में यह अहम कदम है, लेकिन इसे लेकर सचेत भी रहने की जरूरत है। स्टेरॉयड दवाएं आमतौर पर सस्ती होती हैं और इनकी व्यापक उपलब्धता भी है। ये दवाएं दशकों से इस्तेमाल की जा रही हैं। यह निष्कषर्ष करीब 1,700 रोगियों पर किए गए अध्ययनों के आधार पर निकाला गया है। इनमें से जिन कोरोना रोगियों को स्टेरॉयड दवाएं दी गई, उनमें मौत का खतरा कम पाया गया।
दुनिया में कम नहीं हो रहे कोरोना के मामले
दुनिया में अमेरिका के बाद कोरोना वायरस की मार से सबसे ज्यादा जूझ रहे ब्राजील की जेलों और सुधार गृहों में भी संक्रमण फैल गया है। इन जगहों पर अब तक कुल करीब 33 हजार कैदी कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। इस लैटिन अमेरिकी देश में संक्रमित लोगों का कुल आंकड़ा 40 लाख के पार पहुंचने वाला है। इनमें से एक लाख 23 हजार से ज्यादा पीडि़तों की मौत हुई है। जबकि अमेरिका में 62 लाख से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं और एक लाख 90 हजार की जान गई है।