ड्रैगन और अमेरिका के बीच ठनी, क्लार्क बोले- ताइवान की आत्मरक्षा के लिए प्रतिबद्ध
अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री क्लार्क कूपर ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका ताइवान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
वाशिंगटन, एजेंसी। चीन की ताइवान के प्रति बढ़ती दिलचस्पी के बीच अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह ताइवान की आत्मरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। अमेरिका ने कहा कि वह ताइवान की पूरी मदद करेगा। अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री क्लार्क कूपर ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका ताइवान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिकी उप विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है, जब एक सप्ताह पूर्व ताइवान ने अमेरिका की हथियार निर्माता कंपनी लॉकहीड के साथ 62 अरब डॉलर के F-16 फाइटर जेट खरीदने का सौदा किया था। यह सौदा करीब 10 साल में पूरा होगा। माना जा रहा है कि इस सौदे के बाद ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। इस सौदे की संवेदनशीलता को देखते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इस सौदे का तो ऐलान किया लेकिन खरीददार का नाम नहीं बताया है। इसके पूर्व भी पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम और स्ट्रिंगर मिसाइल भी अमेरिका ने ताइवान को दिए थे।
विरोध के बावजूद सैन्य ताकत में इजाफा कर रहा ताइवान
चीन के साथ तनाव को देखते हुए ताइवान लगातार अपनी सैन्य ताकत में इजाफा कर रहा है। पिछले वर्ष चीन विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से ताइवान को लड़ाकू विमान नहीं बेचने के साथ भविष्य में उसके साथ हथियारों की बिक्री रोकने का आग्रह किया था। बीजिंग ने वाशिंगटन को संभावित कार्रवाई की धमकी भी दी थी। चीन लगातार ताइवान को आंख दिखाता रहा है। पिछले दिनों चीन ने अपने फाइटर जेट ताइवान की सीमा की तरफ भेजे थे, लेकिन ताइवान की मिसाइलों को देखने के बाद सभी चीनी लड़ाकू विमान भाग खड़े हुए थे। चीन हमेशा से ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है। इसे लेकर वह पहले भी ताइवान को हथियार दिए जाने वाली डील का विरोध करता रहा है।
चीन की ताइवान पर खतरनाक रणनीति
उधर, ड्रैगन ने ताइवान पर सैन्य दबाव बनाने के लिए ताइवान स्ट्रेट के अपने 40 हजार सैनिकों की तैनाती की है। चीन ने धमकी दी है कि अगर राजनीतिक तरीके से ताइवान चीन का हिस्सा नहीं बनेगा तो वह ताकत के बल पर उस पर कब्जा कर लेगा। पेइचिंग के सैन्य विशेषज्ञ झोउ चेनमिंग ने कहा कि हालिया युद्धाभ्यास ताइवान सरकार को राजनीतिक चेतावनी है। हांगकांग के सैन्य विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग का कहना है कि नवंबर में अमेरिकी चुनाव से पहले चीन और बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास कर सकता है।
अमेरिका ने चीन के खिलाफ तैयार की रणनीति
उधर, अमेरिका दक्षिण चीन सागर पर चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए लगातार तैयारी में जुटा है। अमेरिका ने कहा है कि चीन कोरोना वायरस महामारी का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है और अपने क्षेत्रीय दावे को आगे बढ़ाने में लगा है। चीन ने अमेरिका के इस अभ्यास का विरोध किया है। यही नहीं चीन अब तटीय इलाके में अपने सैन्य ठिकानों की संख्या को काफी ज्यादा बढ़ा रहा है।