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भारत और अमेरिका के बीच आयोजित हुआ साइबर डायलॉग, इसके खतरे और डिफेंस को लेकर हुई खास चर्चा

अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि अमेरिकी रक्षा विभाग और भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने आज पहले साइबल डायलॉग में हिस्सा लिया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 05:50 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 05:50 PM (IST)
भारत और अमेरिका के बीच आयोजित हुआ साइबर डायलॉग, इसके खतरे और डिफेंस को लेकर हुई खास चर्चा
भारत और अमेरिका के बीच आयोजित हुआ साइबर डायलॉग, इसके खतरे और डिफेंस को लेकर हुई खास चर्चा

वाशिंगटन, एएनआइ। विश्व के अधिकतर देशों में साइबर हमले तेज हो गए हैं, जिसके चलते भारत और अमेरिका के आज बीच साइबर डायलॉग आयोजित हुआ। अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि अमेरिकी रक्षा विभाग और भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने आज पहले साइबल डायलॉग में हिस्सा लिया। इस दौरान दोनों पक्षों ने साइबर खतरे और साइबर डिफेंस को लेकर बेहतरीन कदमों पर चर्चा की है।

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बता दें कि अभी हाल ही में अमेरिका के न्याय विभाग ने बड़े पैमाने पर अंजाम दिए गए हैकिंग के एक मामले में पांच चीनी नागरिकों को आरोपित किया है। इन पर अमेरिका और भारतीय सरकार के नेटवर्क समेत दूसरे कई देशों की 100 से ज्यादा कंपनियों और संस्थानों से साफ्टवेयर डाटा और कारोबार संबंधी गोपनीय जानकारियां चुराने के आरोप लगाए गए हैं। अमेरिका के डिप्टी अटार्नी जनरल जेफरी रोसेन ने तीन अभियोगों का एलान किया था।

चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी दूसरे देशों में कर रहीं हैं हैकिंग

इनमें पांच चीनी नागरिकों पर सामूहिक तौर पर कंप्यूटर हैकिंग को अंजाम देने का आरोप लगाया गया था। मलेशिया के दो नागरिकों पर उनकी मदद करने का भी आरोप लगाया गया। न्याय विभाग के बयान के अनुसार, मलेशियाई नागरिकों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि चीनी नागरिकों को भगोड़ा घोषित किया गया है। रोजेन ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी दूसरे देशों में हैकिंग को बढ़ावा देकर अपने लिए फायदेमंद जानकारियां चुरा रही हैं।

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से भारत और अमेरिका में साइबल हमले तेज हो गए हैं। डेटा चोरी की वजह से भारतीय संगठनों को पिछले साल अगस्त से लेकर इस साल अप्रैल तक बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। IBM की ओर से बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक इस अवधि में हर संगठन को डेटा चोरी की वजह से 14 करोड़ रुपये की औसतन क्षति हुई। इस रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियों को हुए कुल नुकसान में मालवेयर अटैक की वजह से हुई क्षति की हिस्सेदारी 53 फीसद रही। वहीं, सिस्टम से जुड़ी दिक्कतों की वजह से 26 फीसद और मानवीय गलती के कारण 21 फीसद का आर्थिक नुकसान कंपनियों को झेलना पड़ा है।  


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