Move to Jagran APP

स्मार्ट फोन आधारित टेस्ट से महज आधे घंटे में मिल जाएगी कोरोना की रिपोर्ट, वैज्ञानिकों ने खोजी नई तकनीक

वैज्ञानिकों ने क्रिस्पर आधारित कोरोना टेस्ट के लिए एक नई तकनीक विकसित की है। यह तकनीक एक स्मार्ट फोन कैमरे का इस्‍तेमाल करके महज 30 मिनट से कम समय में सटीक परिणाम देने में सक्षम है। यह शोध जर्नल सेल में प्रकाशित हुआ है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2020 06:20 PM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2020 06:20 PM (IST)
वैज्ञानिकों ने क्रिस्पर आधारित कोरोना टेस्ट के लिए एक नई तकनीक विकसित की है।

वाशिंगटन, पीटीआइ। विज्ञानियों ने क्रिस्पर आधारित कोरोना टेस्ट के लिए एक नई तकनीक विकसित की है। यह तकनीक एक स्मार्ट फोन कैमरे का उपयोग करके सिर्फ 30 मिनट से कम समय में सटीक परिणाम देने में सक्षम है। जर्नल 'सेल' में प्रकाशित शोध के अनुसार नई तकनीक से ना केवल पॉजिटिव और निगेटिव टेस्ट का पता चलेगा बल्कि सैंपल में वायरस लोड की भी जानकारी मिलेगी।

loksabha election banner

शोधकर्ताओं के मुताबिक मौजूदा समय में जो भी क्रिस्पर आधारित टेस्ट हैं, उसमें परीक्षण से पहले वायरल आरएनए को डीएनए में बदलने की जरूरत पड़ती है। इसमें ना केवल अधिक समय लगता है बल्कि यह काफी जटिल भी होता है। इसके विपरीत नई तकनीक में किसी तरह के परिवर्तन की जरूरत नहीं पड़ती है और यह क्रिस्पर तकनीक का प्रयोग करके वायरल आरएनए का पता लगा लेती है।

अमेरिका स्थित ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट के एक वरिष्ठ शोधकर्ता जेनिफर डूडना ने कहा कि तेज और सटीक परिणाम के चलते हम क्रिस्पर आधारित टेस्ट के बारे में उत्साहित हैं। इस तकनीक से हम ऐसे स्थानों पर भी टेस्ट कर सकते हैं जहां पर तेजी से कोरोना जांच किए जाने की आवश्यकता होती है।

बता दें कि जीनोम एडिटिंग का तरीका विकसित करने के लिए जेनिफर डूडना को दो अन्य विज्ञानियों के साथ वर्ष 2020 का नोबेल पुरस्कार मिला है। नई तकनीक में सीएएस13 प्रोटीन को रिपोर्टर मॉलीक्यूल के साथ जोड़ा जाता है और इसके बाद इसे मरीज के नाक से लिए गए स्वैब के साथ मिलाया जाता है। सैंपल को अब ऐसी डिवाइस में रखा जाता है जो स्मार्टफोन से जुड़ी होती है।

यदि सैंपल में वायरल आरएनए होता है तो सीएएस13 सक्रिय हो जाता है और रिपोर्टर मॉलीक्यूल को काट देता है, जिससे चमकदार रोशनी निकलती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक माइक्रोस्कोप की तरह काम करने वाला स्मार्टफोन कैमरा इस चमकदार रोशनी का पता लगाकर यह बता देता है कि टेस्ट पॉजिटिव है। डूडना ने कहा कि अगर तकनीक को विभिन्न प्रकार के मोबाइल फोन के अनुकूल बनाया जाता है तो यह तकनीक आसानी से सुलभ हो सकती है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.