Move to Jagran APP

सावधान ! कहीं सेहत से दूर ना कर दे रिश्तों को करीब ला रहा SmartPhone

स्मार्टफोन ने आज हर उम्र के लोगों में अपनी उपस्थिति बना ली हैं। इससे यह चिंता पैदा हो गई है कि अगर परिवार के बड़े लोग इसके इस्तेमाल में इतने खो जाएंगे तो बच्चों को कौन संभालेगा।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 09:27 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 12:33 PM (IST)
सावधान ! कहीं सेहत से दूर ना कर दे रिश्तों को करीब ला रहा SmartPhone
सावधान ! कहीं सेहत से दूर ना कर दे रिश्तों को करीब ला रहा SmartPhone

द न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। स्मार्टफोन ने उम्र की सीमा पार कर ली है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई किसी ना किसी रूप में स्मार्टफोन से जुड़ा है। मैसेज और चैटिंग से लेकर वीडियो कॉलिंग तक फोन के इस्तेमाल ने दूरियों को मिटाने में भी भूमिका निभाई है। आज सैकड़ों मील दूर बैठे दादा-दादी से भी पलक झपकते ही बात हो जाती है। दादा-दादी के बीच स्मार्टफोन की बढ़ती उपस्थिति ने सवाल भी खड़े किए हैं। विशेषज्ञों के बीच अब यह चर्चा भी जोर पकड़ रही है कि अगर परिवार के बड़े लोग ही स्मार्टफोन के इस्तेमाल में इतने खो जाएंगे, तो बच्चों को कौन संभालेगा? कहीं रिश्तों को पास लाने की कोशिश बच्चों को उनकी सेहत से दूर ना कर दे।

loksabha election banner

घर के बुजुर्ग भी हुए टेक्नोलॉजी के दीवाने
आज की तारीख में स्मार्टफोन की टेक्नोलॉजी ने घर के बुजुर्गो को भी अपना दीवाना बना लिया है। ऐसा होने की वजह भी है, क्योंकि इस टेक्नोलॉजी ने उन्हें अपनों के करीब आने में मदद की है। स्मार्टफोन पर अंगुलियां फेरकर पलक झपकते ही कहीं दूर देश बैठे पोते-पोतियों से आमने-सामने बैठकर बात करने का सुख मिल जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में करीब 38 फीसद दादा-दादी कभी ना कभी वीडियो कॉलिंग पर पोते-पोतियों से बात कर चुके हैं। भारत में इस संबंध में भले ही कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं हो, लेकिन ऐसे लोगों की तादाद यहां भी लगातार बढ़ रही है।

करीबी का विकल्प बनता जा रहा फोन
दादा-दादी और पोते-पोतियों के बीच का संबंध पूरी दुनिया में सबसे करीबी रिश्तों में माना जाता है। आजकल पेशेवर मजबूरियों के कारण अक्सर परिवारों को दूर रहना पड़ता है। ऐसे में पोते-पोतियों को देखने और उनकी करीबी को महसूस करने में स्मार्टफोन विकल्प के रूप में सामने आए हैं। जब दो साल की पोती अपनी अंगुली में लगी चोट वीडियो कॉलिंग पर दादी को दिखाती है, तो वह पल अपने आप बहुमूल्य हो जाता है। स्मार्टफोन ऐसे कई बहुमूल्य पलों का गवाह बन रहा है।

खुशी में छिपी खतरे की आहट
चेहरे पर खुशी के पल ला रहे स्मार्टफोन अपने साथ कुछ खतरे भी लेकर चलते हैं। विशेषज्ञ अक्सर इस बात को लेकर चेताते रहे हैं कि बच्चों को फोन के ज्यादा इस्तेमाल से बचाना चाहिए। फोन पर ज्यादा वक्त बिताना उनकी शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। ज्यादा स्क्रीन टाइम यानी स्मार्टफोन पर ज्यादा वक्त बिताने से उनकी आंखों को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा अगर फोन की लत लग जाए तो बच्चों की सेहत को और भी नुकसान पहुंच सकते हैं। यह लत उनके मानसिक विकास में भी बाधक हो सकती है।

विशेषज्ञों के मतों में भी भेद
वीडियो कॉलिंग को स्क्रीन टाइम माना जाए या नहीं, इस बात पर विशेषज्ञ एकमत नहीं हैं। कुछ जानकार मानते हैं कि वीडियो कॉलिंग के दौरान भी बच्चा स्मार्टफोन की ओर ही देखता है, इसलिए इसका भी दुष्प्रभाव उतना ही है, जितना फोन पर कोई वीडियोगेम खेलने का। वहीं, एक वर्ग का मानना है कि वीडियो कॉलिंग पर बात करना स्क्रीन टाइम नहीं माना जा सकता।

इस तरह के दर्द को बुलावा दे रहा स्‍मार्टफोन
आज स्‍मार्टफोन हमारे जीवन का एक जरूरी हिस्‍सा बन गया है। इतना जरूरी कि इसके बिना हम अपने जीवन की कल्‍पना भी नहीं कर सकते हैं। घर और ऑफिस के अलावा मेट्रो, बस या तक कि पैदल चलते समय भी लोग इसका इस्‍तेमाल करते हुए नजर आ जाएंगे। जी हां विज्ञान के इस दौर में हमारी जिंदगी पूरी तरह से तकनीकों पर आधारित हो गई है। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि स्मार्टफोन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। जी हां अगर आप अपने स्‍मार्टफोन में कुछ पढ़ रहे हैं तो आपके दोनों हाथ मुड़े और सिर आगे की ओर झुका होता हैं, पीठ मुड़ी हुई है और गर्दन आगे की तरफ झुकी हुई है। हो सकता है आप अपनी इस स्थिति के प्रति अनभिज्ञ हो, लेकिन क्‍या आप जानते हैं यही स्थिति आपके शरीर में दर्द व दर्द को बढ़ाने में सहायक होती है।

गर्दन का बुरा-हाल
स्‍मार्टफोन के इस्‍तेमाल के लिए आपको गर्दन झुकानी पड़ती है। जाहिर सी बात है ऐसा करने से गर्दन में दर्द होना स्‍वाभाविक है। लंबे समय तक गर्दन पर जोर देना या एक ही अवस्था में रखना हानिकारक हो सकता है। इससे पॉश्चर बिगड़ता है और गर्दन की मसल्स पर असर पड़ता है। लंबे समय तक मसल्स को आराम नहीं मिलने से गर्दन में दर्द होने लगता है।

उंगलियों में दर्द
फोन का इस्तेमाल करते समय अंगूठे और तर्जनी उंगली का ज्यादा इस्तेमाल होता है। ऐसे में लंबे समय तक फोन में लगे रहने से उंगलियों में दर्द होना आम बात है। इससे ऊंगलियों में दर्द के साथ ही खिंचाव या अकड़न भी हो सकती है।

कंधे में दर्द
आप लंबे समय तक हाथों में फोन पकड़कर उसका इस्तेमाल करते हैं, इसलिए कंधों की मसल्‍स में तनाव और खिंचाव पैदा हो जाता है। इसी तनाव की वजह से आपके कंधों में दर्द होता है और आपको काम करने में कठिनाई होती है। इसलिए बीच-बीच में ब्रेक जरूर लेते रहें।

पीठ में दर्द
आपका बता दे कि लगातर स्‍मार्टफोन का इस्तेमाल करते समय आप गर्दन के साथ-साथ पीठ भी झुकाकर रखते हैं। पीठ के लंबे समय झुके रहने से आपको दर्द महसूस हो सकता है। इसलिए इससे बचने के लिए आपको एक्टिव होना बेहद जरूरी है।

आंख में दर्द
स्मार्टफोन का इस्तेमाल लंबे समय तक करना आंखों में दर्द, जलन के साथ ही आंखों की अन्य समस्याएं भी दे सकता है। इससे आंखों में ड्राईनेस भी बढ़ सकती है। इसलिए अगर आप पूरे दिन में लंबे समय तक स्‍मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो थोड़े-थोड़े अंतराल बाद ब्रेक लें और शरीर व आंखों को आराम दें।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.