Move to Jagran APP

सावधान! नींद की गोली लेना हो सकता है घातक, मानसिक क्षमता पर भी पर पड़ेगा बुरा असर

बुजुर्गो में अनिद्रा की समस्या और भी गंभीर है। इस समस्या से बचने और अच्छी नींद के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 10:10 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 10:10 PM (IST)
सावधान! नींद की गोली लेना हो सकता है घातक, मानसिक क्षमता पर भी पर पड़ेगा बुरा असर

वाशिंगटन, न्यूयार्क टाइम्स। दुनियाभर में 20 से 30 फीसद लोग नींद आने में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। कुछ लोगों को नींद आने में परेशानी है तो कुछ लोग सोते वक्त कई बार जग जाते हैं। इससे ठीक-ठाक समय तक बिस्तर में पड़े रहने के बाद भी वे खुद को थका हुआ ही महसूस करते हैं।

loksabha election banner

बुजुर्गो में अनिद्रा की समस्या और भी गंभीर है। इस समस्या से बचने और अच्छी नींद के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। कई बार जबरदस्ती सोने की कोशिश में लोग नींद की गोली भी लेने लगते हैं। जल्द ही उन्हें इसकी आदत पड़ जाती है, जो उनके सेहत के लिए घातक भी साबित हो सकता है।

द अमेरिकन जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपे शोध में शामिल शोधकर्ताओं का कहना है कि सर्जरी के बाद कई बार मरीज को असहनीय पीड़ा होती है, जिससे वह ठीक से सो भी नहीं पाता है। इस तरह की परिस्थितियों में नींद की गोली ली जा सकती हैं। लेकिन चार -पांच हफ्ते से ज्यादा समय तक इन दवाओं के सेवन के घातक परिणाम भी सामने आ सकते हैं।

बीते अप्रैल में ही अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने नींद आने के लिए ली जाने वाली कई दवाओं जैसे कि जॉल्पिडम, जेलप्लोन आदि को लेकर चेतावनी जारी की थी। एफडीए ने नींद में चलने व गाड़ी चलाने के कारण हुई दुर्घटनाओं के बाद यह कदम उठाया था।

लंबे समय तक रहता है दवा का असर
पिछले साल जुलाई में जार्जिया में एक महिला को गलत दिशा से गाड़ी चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान उसने कहा था कि उसे नहीं पता, वह उल्टी तरफ कैसे पहुंचीं। उसने शराब भी नहीं पी रखी थी, इसलिए पुलिस ने उसके नशे में होने की बात खारिज कर दी। बाद में पता चला कि उसने नींद की गोली ली थी। दरअसल, नींद की दवाओं का असर घंटों रहता है। इस कारण कई बार व्यक्ति जगने के बाद भी पूरे तरह अपने होश में नहीं रहता है। इन दवाओं से नींद में चलने की बीमारी भी बढ़ती है। साथ ही व्यक्ति की मानसिक क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है।

नींद नहीं आने का कारण तलाशें
सेंट लुइस यूनिवर्सिटी के डॉ. जूली के गमाक का कहना है कि नींद की गोली लेना किसी भी तरह से सही नहीं है। अगर व्यक्ति लंबे समय से अनिद्रा का सामना कर रहा है तो पहले उसे इसका कारण जानना चाहिए। यदि कोई चिकित्सकीय कारण है तो पहले उसका इलाज किया जाना जरूरी है। इससे भी काम न चले तो मनोरोग विशेषज्ञों की सहायता भी ली जा सकती है। इन सबके अलावा अच्छी नींद के लिए सेहतमंद जीवनशैली अपनाना भी जरूरी है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.