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कृत्रिम दिमाग के लिए नींद भी जरूरी, पढ़ें अध्ययन में सामने आइ बातें

एक नए अध्ययन से पता चला है कि लगातार नकारात्मक सोच से अल्जाइमर रोग का खतरा बढ़ सकता है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 09:59 AM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 09:59 AM (IST)
कृत्रिम दिमाग के लिए नींद भी जरूरी, पढ़ें अध्ययन में सामने आइ बातें

वॉशिंगटन, एएनआइ। कोई भी इस बात पर विश्वास नहीं करेगा कि आपके फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रायड और आइओएस को भी नींद की जरूरत होती है। हालांकि लॉस एलामोस नेशनल लेबोरेटरी के एक नए अध्ययन से पता चला है कि इन्हें आराम देने से उसी तरह के लाभ होते हैं, जैसे मानव मस्तिष्क को सोने से मिलते हैं। लेबोरेटरी के कंप्यूटर वैज्ञानिक का कहना है कि हमने मनुष्य के दिमाग की भांति चीजों को सीखने वाले न्यूरल नेटवर्क का अध्ययन किया। इस दौरान यह पता चला कि लगातार सीखने के दौरान नेटवर्क सिमुलेशन अस्थिर हो गया। हालांकि जब इसका उन तरंगों से संपर्क कराया गया, जो मस्तिष्क नींद के दौरान करता है तो नेटवर्क एक बार फिर से बहाल हो गया। 

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लगातार नकारात्मक सोच से अल्जाइमर का खतरा

एक नए अध्ययन से पता चला है कि लगातार नकारात्मक सोच से अल्जाइमर रोग का खतरा बढ़ सकता है। 55 वर्ष से अधिक आयु के लोगों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि लगातार नकारात्मक सोच (रेपिटेटिव निगेटिव थिंकिंग) मस्तिष्क में मौजूद हानिकारक प्रोटीन को एकसाथ आने में मदद करती है। इन्हीं प्रोटीन को अल्जाइमर की वजह माना जाता है। दरअसल, बुढ़ापा और अवसाद को पहले ही अल्जाइमर की बड़ी वजह माना जाता था, लेकिन इस अध्ययन से पता चला है कि एक निश्चित तरीके की सोच से अल्जाइमर होने का खतरा ज्यादा होता है। -एएनआइ


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