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तेहरान और वाशिंगटन के बीच युद्ध जैसे हालात के बीच अमेरिका ने ईरान पर लगाए नए प्रतिबंध

ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को ईरान पर कुछ नई पावंदियां लगा दी हैं। ईरान द्वारा इराक में अमेरिकी सैन्‍य ठिकानों के हमले के बाद वाशिंगटन ने यह कदम उठाया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 01:16 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 01:16 PM (IST)
तेहरान और वाशिंगटन के बीच युद्ध जैसे हालात के बीच अमेरिका ने ईरान पर लगाए नए प्रतिबंध
तेहरान और वाशिंगटन के बीच युद्ध जैसे हालात के बीच अमेरिका ने ईरान पर लगाए नए प्रतिबंध

वाशिंगटन, एजेंसी । अमेरिका और ईरान के तनातनी के बीच ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को ईरान पर कुछ नई पावंदियां लगा दी हैं। ईरान द्वारा इराक में अमेरिकी सैन्‍य ठिकानों के हमले के बाद वाशिंगटन ने यह कदम उठाया है। बता दें कि इराक में अमेरिकी दूतावास पर हमले के बाद अमेरिका ने अपने एक ड्रोन हमले में ईरान के जनरल कासिल सुलेमानी की हत्‍या कर दी थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात उत्‍पन्‍न हो गए हैं। 

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अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन ने कहा कि राष्‍ट्रपति ट्रंप ने ईरानी कपड़ा, निर्माण, विनिर्माण या खनन आदि व्यवसायों को लेकर प्रतिबंध लगाने के लिए आदेश जारी करेंगे। वह इस्पात क्षेत्रों के खिलाफ अलग-अलग प्रतिबंध भी लगाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इन कार्यों के परिणामस्वरूप हम ईरानी शासन को मिलने वाली अरबों डॉलर के सपोर्ट में कटौती करेंगे। गौरतलब है कि ट्रंप सरकार ने 2015 के परमाणु समझौते के तहत ढील दिए गए सभी अमेरिकी प्रतिबंधों को पहले ही बहाल कर दिया है, जिससे गौरतलब है कि ईरान में आ‍र्थिक कठिनाई पैदा हो गई है । उसके तेल निर्यात में ऐतिहासिक कमी आई है।

गौरतलब है कि अमेरिका सेना ने 3 जनवरी को बगद़ाद हवाई अड्डे के पास एक ड्रोन हमले में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की हत्‍या की थी। इस सैन्‍य ऑपरेशन को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के आदेश पर हुआ था। उस वक्‍त सुलेमानी इराक के बगदाद में थे। वह दो गाड़ियों के काफ़िले में चल रहे थे, जिसमें ईरान समर्थित इराक़ी सेना के लोग भी सवार थे। 

इस हमले का बदला लेने के लिए 9 जनवरी को ईरान ने दावा किया था कि उसने इराक़ के अल असद और इरबिल में मौजूद अमरीकी सैन्य अड्डों पर मिसाइल हमले किए हैं। कुछ देर बाद पेंटागन ने भी इन हमलों की पुष्टि की थी। ईरान ने इस हमले को पिछले हफ़्ते अमरीका के ड्रोन अटैक में अपनी कुद्स फ़ोर्स के प्रमुख सैन्य अधिकारी क़ासिम सुलेमानी की मौत का बदला बताया था। बता दें कि सुलेमानी ईरान में सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई के बाद दूसरा सबसे ताक़तवर शख़्स था।


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