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वैज्ञानिकों का सुझाव, रेड लाइट एरिया बंद कर कोरोना 72 फीसद मामले रोक सकता है भारत

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि जब तक कोरोना का टीका विकसित नहीं हो जाता तब तक भारत रेड लाइट एरिया को बंद करके कोरोना के 72 फीसद मामलों को रोक सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 07:54 PM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 08:16 PM (IST)
वैज्ञानिकों का सुझाव, रेड लाइट एरिया बंद कर कोरोना 72 फीसद मामले रोक सकता है भारत
वैज्ञानिकों का सुझाव, रेड लाइट एरिया बंद कर कोरोना 72 फीसद मामले रोक सकता है भारत

वाशिंगटन, पीटीआइ। भारत में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों पर लगाम लगाने के लिए विशेषज्ञों ने एक सुझाव दिया है। अमेरिका स्थित येल स्कूल ऑफ मेडिसिन सहित विभिन्न संस्थानों के शोधकर्ताओं का कहना है कि भारत जब तक कोरोना का टीका विकसित नहीं हो जाता तब तक रेड लाइट एरिया को बंद करके संक्रमण के 72 फीसद मामलों को रोक सकता है। यही नहीं शोधकर्ताओं का यह भी दावा है कि भारत ऐसा कदम उठाकर महामारी के चरम में पहुंचने में 17 दिन की और देरी कर सकता है।

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वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि इस अध्ययन के नतीजों को भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों के साथ साझा भी किया गया है। इसमें वैज्ञानिकों ने सरकारों से अनुशंसा की है कि लॉकडाउन हटाए जाने के बाद भी रेड लाइट इलाकों को बंद रखा जाए। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस पहलकदमी से 45 दिनों में कोरोना संक्रमण के 72 फीसद मामलों में कमी आएगी। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद रेड लाइट इलाके को बंद रखा जाता है तो शुरुआती 60 दिनों में कोरोना से होने वाली मौतों में 63 फीसद तक की कमी लाई जा सकती है।

वैज्ञानिकों ने इस अध्‍ययन में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन यानी एनएसीओ (National Aids Control Organization, NACO) का भी हवाला दिया है जिसके मुताबिक, भारत में करीब 6,37,500 यौन कर्मी हैं और करीब पांच लाख ग्राहक हर रोज रेड लाइट इलाकों का रुख करते हैं। शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि लॉकडाउन के बाद ये इलाके बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि पांच भारतीय शहरों के रेड लाइट एरिया इस समय रेड जोन में शामिल हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि रेड लाइट इलाकों को बंद कर दिया जाता है तो मुंबई में संक्रमण को चरम पर पहुंचने से 12 दिन तक रोका जा सकता है। इसी तरह दिल्ली में 17 दिन और पुणे में 29 दिन तक ऐसी स्थिति को टाला जा सकता है। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि यदि रेड लाइट इलाके खुले रहे तो बीमारी तेजी से फैलेगी और बड़ी संख्या में यौन कर्मियों और उनके ग्राहकों को बीमार बनाएगी। यौन कर्मियों से संक्रमित लोग अन्‍य लाखों दूसरे लोगों को यह जानलेवा वायरस फैला सकते हैं। 


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