कोरोना का 'तोड़' निकालने में मददगार बना सुपर कंप्यूटर, सटीक इलाज में कारगर कंपाउंड तलाशे
तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस की काट निकालने में दुनिया भर के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर उसका तोड़ तलाशने में काफी मददगार साबित हो रहा है।
वाशिंगटन, एजेंसियां। कोरोना वायरस जिस तेजी से फैल रहा है उसकी काट निकालने में दुनिया भर के वैज्ञानिक दिन रात लगे हुए हैं। ताजा जानकारी सामने आई है कि अमेरिका का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर समिट ने उसका तोड़ तलाशने में काफी मददगार साबित हो रहा है। समिट ने गहन विश्लेषण कर ऐसे 77 कंपाउंड का पता लगाया है जो कोरोना वायरस को होस्ट सेल संक्रमित करने से रोक सकते हैं। इस खोज से वैज्ञानिक बहुत उत्साहित हैं। इस नतीजे से कोरोना से निपटने की दवा और टीका बनाने में बहुत आसानी होगी।
अमेरिका के टेनेसी राज्य की ओक रिज लैब में स्थित इस सुपर कंप्यूटर के निष्कर्षो को लैब की जर्नल में प्रकाशित किया गया है। अमेरिका के ऊर्जा विभाग के इस सुपर कंप्यूटर को अमेरिकी दिग्गज कंपनी आइबीएम ने तैयार किया था। यह 2014 से काम कर रहा है। इसकी क्षमता बेमिसाल है। सरल शब्दों में समझा जाये तो यह एक शक्तिशाली लैपटाप के मुकाबले करीब दस लाख गुना तेजी से गणनाएं कर सकता है।
इस सुपर कंप्यूटर समिट की मदद सेऔर वालंटियर्स पर किये गये प्रयोगों से शोधकर्ताओं ने ऐसे कंपाउंड तलाश लिए हैं जो कोरोना का विस्तार रोक सकते हैं। परीक्षण के दौरान करीब 8000 कंपाउंड आजमाये गये जिनमें से 77 ऐसे पाये गये जो उम्मीद की किरण जगाते हैं। ओक रिज नेशनल लैब फार मालीक्युलर बायो फिजिक्स के डाइरेक्टर जेरेमी स्मिथ का कहना है कि अभी हम ये दावा नहीं कर रहे हैं कि हमने कोई इलाज तलाश लिया है। हालांकि जो परिणाम आये हैं वे उत्साहजनक हैं और भविष्य में कोई सटीक इलाज ढूंढने में मददगार होंगे। किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने के लिए इन परीक्षणों को फिर से दोहराया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि चीन के बाद कोरोना वायरस अब दुनिया के बाकी देशों में कहर बरपा रहा है। श्रीलंका सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया है। राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे की ओर से एलान किया गया है कि शुक्रवार शाम छह बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक पूरे देश में कर्फ्यू रहेगा।कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए श्रीलंका सरकार की ओर से उठाया गया यह सबसे बड़ा कदम है। श्रीलंका में अब तक 66 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। वहीं दुनिया भर में इस वायरस से 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है जबकि 245,400 लोग संक्रमित हुए हैं।