चीन-पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिकी सदन में लाया गया प्रस्ताव, जानें क्या है मामला
चीन और पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देशों में लोगों को गायब करने के खिलाफ अमेरिकी सदन में कांग्रेस के दो सदस्यों द्वारा प्रस्ताव लाया गया है। इसमें सभी पीड़ितों के लिए न्याय और जवाबदेही का समर्थन किया गया है।
वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका के दो शक्तिशाली सांसदों ने प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया है। इसमें एशिया समेत पूरी दुनिया में लोगों को गायब करने की घटनाओं को बंद करने का आह्वान किया गया है। इस प्रस्ताव में श्रीलंका में तमिल भाषी लोगों और चीन में उईगर मुस्लिमों समेत सभी पीड़ितों के लिए न्याय और जवाबदेही का समर्थन किया गया है।
कांग्रेस सदस्य ब्रैड शेरमैन और जैमी रस्किन द्वारा यह प्रस्ताव लाया गया है। इसमें अमेरिका द्वारा ‘इंटरनेशनल कन्वेंशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ ऑल पर्सन्स फ्रॉम एन्फोर्स्ड डिसअपिरियंसेस’ का अनुमोदन करने की मांग की गई है। ब्रैड शेरमैन का कहना है कि मानवाधिकारों के इस किस्म के उल्लंघनों के बारे में कुछ करने की जरूरत है। इसे बंद करने के लिए हमें अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। लोगों को गायब करने तथा मानवाधिकारों के अन्य उल्लंघनों के बारे में हमें अपनी आवाज उठानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सिंध कॉकस के अध्यक्ष और सदन की विदेश मामलों की समिति के सदस्य के रूप में मैंने इस मुद्दे पर अथक परिश्रम किया है, लेकिन दुर्भाग्य से हमने पूरे एशिया क्षेत्र में लोगों के गायब होने के मामलों में वृद्धि देखी गई है। मुझे कांग्रेसी रास्किन के साथ काम करने पर गर्व है। इस संकल्प पर और मैं इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उनके नेतृत्व की सराहना करता हूं।
जैमी रस्किन ने कहा कि लोगों को गायब करने की समस्या एशिया तथा दुनिया के अन्य हिस्सों में मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करने वाली है। प्रस्ताव में पाकिस्तान के सिंध समुदाय, श्रीलंका के तमिलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, इंडोनेशिया में सुहार्तो शासन के पीड़ितों और चीन के उईगर मुस्लिमों के खिलाफ इस तरह के घृणित अपराध को रोकने तथा सभी पीड़ितों के लिए न्याय एवं जवाबदेही का समर्थन किया गया है।
इस प्रस्ताव का एमनेस्टी इंटरनेशनल ने समर्थन किया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए में रिस्क प्रोग्राम के वरिष्ठ अधिकारी एंड्रयू फैंडिनो ने अपने बयान में कहा कि दुनिया के हर क्षेत्र में लोगों के गायब होने का सिलसिला जारी है। सरकारों कर्तव्य है कि वह उसे समाप्त करें। उन्होंने कहा कि गायब हुए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, प्रमुख गवाहों और वकीलों के रिश्तेदार भी इनके निशाने पर हैं।