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US: वाशिंगटन में दूतावास के बाहर खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय पत्रकार पर किया हमला, भारत ने जताया सख्त ऐतराज

वाशिंगटन स्थित भारतीय पत्रकार ललित झा शनिवार को भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थक विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे। इस दौरान उन पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया और उनके साथ बदसलूकी भी की। झा ने अपने ट्विटर हैंडल पर खालिस्तानी समर्थकों का एक वीडियो शेयर किया है।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghPublished: Sun, 26 Mar 2023 08:08 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2023 10:52 AM (IST)
US: वाशिंगटन में दूतावास के बाहर खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय पत्रकार पर किया हमला, भारत ने जताया सख्त ऐतराज
खालिस्तान समर्थकों ने डीसी स्थित भारतीय पत्रकार पर किया हमला (फोटो- एएनआई)

वाशिंगटन (यूएस), एजेंसी। भारतीय पत्रकार ललित झा पर वाशिंगटन में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हमला किया गया और उनके साथ बदसलूकी की गई। ललित झा शनिवार दोपहर को भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानी समर्थकों के विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे। इसी दौरान उन पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया था। हमले के दौरान पत्रकार ललित झा ने पूरी बहादुरी से खालिस्तान समर्थकों का सामना किया और करारा जवाब दिया था। 

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पत्रकार ने सीक्रेट सर्विस को दिया धन्यवाद

झा ने रविवार को यूएस सीक्रेट सर्विस को अपनी रक्षा करने और अपना काम करने में मदद करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि खालिस्तानी समर्थकों ने उनके बाएं कान पर दो डंडे मारे। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर खालिस्तानी समर्थकों का एक वीडियो भी शेयर किया है।

झा ने रविवार को ट्वीट किया, मेरी सुरक्षा के लिए 2 दिन मेरा काम करने में मदद करने के लिए धन्यवाद @SecretService, नहीं तो मैं अस्पताल से यह लिख रहा होता।

झा ने किया 911 पर कॉल

झा ने एएनआई को बताया कि मुझे इतना खतरा महसूस हुआ कि मैंने 911 पर कॉल किया। फिर मैंने सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों को देखा और उन्हें घटना के बारे में जानकारी दी। हालांकि, पत्रकार ने उनके साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया।

झा ने एएनआई को बताया कि अमृत पाल के समर्थन में खालिस्तानी समर्थक प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तान के झंडे लहराए और यूएस सीक्रेट सर्विस की मौजूदगी में दूतावास पर पहुंचे। यहां तक कि उन्होंने खुले तौर पर दूतावास में तोड़फोड़ करने की धमकी दी और भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू को भी धमकी दी।

उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों में सभी उम्र के पगड़ीधारी पुरुष शामिल थे जिन्होंने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए। वे डीसी-मैरीलैंड-वर्जीनिया (DMV) क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से आए थे। आयोजकों ने अंग्रेजी और पंजाबी दोनों भाषाओं में भारत विरोधी भाषण देने के लिए माइक का इस्तेमाल किया और कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए पंजाब पुलिस को निशाना बनाया।

खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय दूतावास पर किया था हमला

भारतीय दूतावास और सैन फ्रांसिस्को वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा विरोध प्रदर्शन की कई घटनाओं का मंचन किया गया है। इस सप्ताह की शुरुआत में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर भी 20 मार्च को हमला किया गया था।

ऑनलाइन साझा किए गए विजुअल्स में लकड़ी के खंभों पर लगे खालिस्तान के झंडे लहराते हुए एक विशाल भीड़ को वाणिज्य दूतावास भवन के कांच के दरवाजों और खिड़कियों को तोड़ने के लिए इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है। उन्होंने खालिस्तानी समर्थक नारे लगाए क्योंकि उन्होंने शहर की पुलिस द्वारा बनाए गए अस्थाई सुरक्षा अवरोधों को तोड़ दिया और परिसर के अंदर दो खालिस्तानी झंडे लगाए।

US ने की थी हमले की निंदा

संयुक्त राज्य अमेरिका ने अलगाववादी सिखों के एक समूह द्वारा सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे बिल्कुल अस्वीकार्य बताया।

संयुक्त राज्य अमेरिका ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले और अमेरिका के भीतर राजनयिक सुविधाओं के खिलाफ हमले की निंदा की है। अमेरिका ने इन सुविधाओं के साथ-साथ काम करने वाले राजनयिकों की सुरक्षा करने का वचन दिया है।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने ट्विटर पर कहा कि अमेरिका सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के खिलाफ हिंसा की कार्रवाई की निंदा करता है। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने पुष्टि की कि अमेरिकी विदेश विभाग स्थानीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों के संपर्क में है।

भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर कही ये बात

वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास ने अपने ट्वीट में कहा कि हमने वाशिंगटन डीसी में तथाकथित 'खालिस्तान विरोध' को कवर करने के दौरान प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ भारतीय पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार, धमकी और शारीरिक हमले देखे हैं। हम समझते हैं कि पत्रकार को पहले मौखिक रूप से धमकाया गया, फिर शारीरिक रूप से हमला किया गया और अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा और भलाई के लिए डरते हुए, कानून प्रवर्तन एजेंसियों को बुलाना पड़ा, जिन्होंने तुरंत प्रतिक्रिया दी।

वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास ने कहा कि हम एक वरिष्ठ पत्रकार पर इस तरह के गंभीर और अनुचित हमले की निंदा करते हैं। इस तरह की गतिविधियां तथाकथित 'खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों' और उनके समर्थकों की हिंसक और असामाजिक प्रवृत्ति को रेखांकित करती हैं, जो नियमित रूप से हिंसक और बर्बरता में लिप्त रहते हैं। 


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