ट्रंप से मिलने के बाद बोले पीएम मोदी, पाकिस्तान से इस शर्त पर हो सकती है बातचीत
PM Modi ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात में साफ कर दिया कि पाकिस्तान से बातचीत तभी होगी जब इमरान आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाएंगे।
न्यूयॉर्क, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात में मंगलवार को बिल्कुल साफ कर दिया कि पाकिस्तान से तो बातचीत तभी होगी जब इमरान खान आतंकवाद के खिलाफ ठोस और निर्णायक कदम उठाएंगे। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि पड़ोसी देश से वार्ता बहाली से पहले भारत चाहता है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कुछ ठोस और निर्णायक कदम उठाए। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी उम्मीद जताई कि दोनों पड़ोसी देश कश्मीर मसले पर कोई न कोई समाधान जरूर निकाल लेंगे।
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के इतर मुलाकात की। पीएम मोदी की दूसरे कार्यकाल में यह ट्रंप से चौथी मुलाकात थी। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच बातचीत लगभग 40 मिनट तक चली। इसमें द्विपक्षीय व्यापार और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से संबंधित मसलों पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को हाउडी मोदी कार्यक्रम में आने के लिए धन्यवाद दिया और सपरिवार भारत आने का न्यौता दिया।
कश्मीर में 42 हजार जानें गईं
मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के बारे में अवगत कराया। विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाताओं को बताया कि पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि कश्मीर में आतंकवाद के चलते बीते 30 वर्षों में 42 हजार लोगों की जानें गई हैं। इसके साथ ही पीएम मोदी ने आतंकवाद से लड़ने में वैश्विक शक्तियों का समर्थन मांगा। पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को बताया कि लाहौर के दौरे के फौरन बाद पठानकोट सैन्य अड्डे पर हमला हुआ जिसके गुनहगारों को पाकिस्तान ने सजा नहीं दी है।
आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाए पाक
भारतीय विदेश सचिव के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने ट्रंप के साथ बातचीत में साफ कर दिया कि हमें पाकिस्तान बातचीत करने में कोई संकोच नहीं है लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को उचित माहौल बनाना होगा। पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस और निर्णायक कदम उठाने होंगे। लेकिन मौजूदा वक्त में पाकिस्तान ऐसी कोई कोशिश करता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के मसले पर भारत का पक्ष रखा जिस पर ट्रंप ने भी रजामंदी जताई। यही नहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी इस बात को माना कि यह दोनों देशों के बीच वार्ता में आतंकवाद ही बड़ी रुकावट है।
भारत में कट्टरपंथियों की संख्या कम
भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पीएम मोदी ने बताया कि भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है। भारत में गिने चुने ही इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा से जुड़े हैं। पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि भारत में कट्टरपंथियों की संख्या बहुत कम है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बातचीत के दौरान माना कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अल-कायदा के आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया है। यह पूछे जाने पर कि वह इमरान खान को क्या संदेश देंगे... ट्रंप ने कहा ने कहा कि संदेश तो पीएम मोदी ने साफ लहजे में दे दिया है कि वह पाक प्रायोजित आतंकवाद से निपटने में सक्षम हैं।