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भारत यात्रा के दौरान पीएम मोदी के सामने धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को उठाएंगे राष्ट्रपति ट्रंप

वरिष्ठ अधिकारी ने ट्रंप की दो दिन की भारत यात्रा से पहले कहा दुनिया भारत को अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं (धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए सम्मान) को जारी रखने के लिए देख रही है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 04:57 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 05:17 PM (IST)
भारत यात्रा के दौरान पीएम मोदी के सामने धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को उठाएंगे राष्ट्रपति ट्रंप
भारत यात्रा के दौरान पीएम मोदी के सामने धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को उठाएंगे राष्ट्रपति ट्रंप

वॉशिंगटन, रॉयटर्स। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले हफ्ते अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को उठाएंगे। भारत सरकार के लिए एक संवेदनशील विषय बताते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही। बता दें कि भारत में नागरिकता संशोधित कानून को लेकर काफी समय से विरोध प्रदर्शन का माहौल है। देश में मुस्लिम पक्ष इस कानून को अपने खिलाफ मान रहा है। खबर के मुताबिक, भारत की धर्मनिरपेक्ष परंपराओं को कमजोर होता देख अमेरिकी प्रशासन की चिंताए गहरी हो रही है।

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प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को ट्रंप की दो दिन की भारत यात्रा से पहले एक सम्मेलन में कहा, 'ट्रंप, जो सोमवार को भारत जाएंगे, वे दोनों देशों के लोकतंत्र और धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में बात करेंगे।' अधिकारी ने कहा, 'वह(ट्रंप) विशेष रूप से धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाएंगे, जो इस प्रशासन(मोदी सरकार) के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।'

उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री मोदी के साथ अपनी बैठकों के दौरान इन मुद्दों पर बात करेंगे और ध्यान देंगे कि दुनिया भारत को अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं (धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए सम्मान) को जारी रखने के लिए देख रही है। बता दें कि खबर में अनच्छेद 370 के हटने का भी जिक्र किया गया और कहा गया कि कश्मीर से इसे हटाए जाने के बाद संचार पर रोक लगा दी गई।

चार अमेरिकी सीनेटरों का बड़ा हमला

चार अमेरिकी सीनेटरों ने इस महीने सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पिओ को लिखा था कि कश्मीर में मोदी के कदम और नागरिकता कानून परेशान करने जैसा है और इससे कुछ धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों को खतरा है।

सीनेटरों, लिंडसे ग्राहम, टॉड यंग, क्रिस वान होलेन और डिक डर्बिन द्वारा कश्मीर में राजनीतिक बंदियों की संख्या, इंटरनेट और सेल फोन सेवा पर प्रतिबंध बारे में जानकारी भी मांगी। उन्होंने नागरिकता कानून का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर चिंता भी व्यक्त की। हालांकि, आपको बता दें कि एक सच्चाई यह भी है कि नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध ने दंगों तक का रुख अपना लिया था। आगजनी हुई, जिसके बाद कुछ लोगों पर कार्रवाई की गई थी।

भारत का आंतरिक मामला

भारत ने हमेशा से ही इन मामलों को आंतरिक मामला बताया है। भारत द्वारा विदेशी आलोचना की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि कश्मीर से 370 हटाना और नए नागरिकता कानून को आंतरिक मामला बताया। हाल के महीनों में, नई दिल्ली सरकार की नीतियों की आलोचना करने पर तुर्की और मलेशिया जैसे मुस्लिम-बहुल देशों से भारत के रिश्ते खराब हो गए हैं।

ट्रंप की भी आलोचना

ट्रंप को कई मुस्लिम-बहुल देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने के लिए खुद घर पर ही आलोचना का सामना करना पड़ा था। इसपर उनका तर्क था कि आतंकवाद के खिलाफ रक्षा के लिए यह कदम आवश्यक है।


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