एच1बी वीजा प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी, अमेरिकी संसद में पेश हुआ विधेयक
घरेलू कामगारों के हितों की रक्षा करने वाला है यह बिल। अमेरिकियों को नौकरी पहले देने संबंधी इस विधेयक में एफ-1 ओपीटी कार्यक्रम (एच्छिक प्रायोगिक प्रशिक्षण) भी स्थगित करने का प्रावधान है। बहुत जरूरी होने पर ही विदेशी कामगार की नियुक्ति।
वाशिंगटन, प्रेट्र। एक प्रभावशाली अमेरिकी सांसद ने एच-1बी वीजा प्रणाली में बदलाव करने और घरेलू कामगारों को नौकरी से निकालने से रोकने के लिए प्रतिनिधि सभा में एक विधेयक पेश किया। अलबामा से सांसद मो ब्रूक्स ने गुरुवार को संसद के निचले सदन में यह विधेयक पेश किया। अमेरिकियों को पहले नौकरी संबंधी इस विधेयक में यह प्रावधान है कि यदि नियोक्ता ने हाल ही में अपने अमेरिकी कर्मियों को छुट्टी पर भेजा है या इसकी योजना बनाई है तो उन्हें एच-1बी वीजा धारक विदेशियों की नियुक्ति की अनुमति होगी। ऐसी स्थिति में नियोक्ता को एच-1बी वीजा धारक को अमेरिकी कामगार से अधिक भुगतान करना होगा। यह प्रावधान इसलिए किया गया है, जिससे कि बहुत जरूरी होने पर ही विदेशी कामगार की नियुक्ति हो।
अमेरिकियों को नौकरी पहले देने संबंधी इस विधेयक में एफ-1 ओपीटी कार्यक्रम (एच्छिक प्रायोगिक प्रशिक्षण) भी स्थगित करने का प्रावधान है। इस कार्यक्रम के तहत विदेशी छात्रों को अवधि बढ़ने योग्य वर्किंग परमिट मिलता है जिससे अमेरिकी स्नातकों के बीच जॉब मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है। विधेयक में विविधता वीजा लॉटरी कार्यक्रम को भी खत्म करने की बात की गई है, जो योग्यता से परे दुनिया के 50 हजार लोगों को ग्रीन कार्ड जारी कर अमेरिकी हितों को पूरा करने में असफल हुआ है। सांसद ब्रूक्स ने कहा कि इस विधेयक से बहुत जरूरी सुधार आएगा और यह एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर निगरानी रखेगा। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि अमेरिकी कामगारों को अपने ही देश में किसी तरह का नुकसान नहीं हो।
सस्ते विदेशी कामगारों को आने से रोकेगा विधेयक
ब्रूक्स ने कहा कि यह सस्ते विदेशी कामगारों को आने से रोकेगा क्योंकि विधेयक के तहत एच-1बी वीजा पर नियुक्ति करने वाले नियोक्ताओं को विदेशी कर्मचारी को कम से कम 1,10,000 डॉलर का भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर यह विधेयक कानून का रूप ले लेता है तो यह अमेरिकी कामगारों को बदलने से रोकेगा, क्योंकि इसमें प्रावधान है कि एच-1बी के तहत कामगारों की नियुक्ति करने की इच्छुक कंपनियां कम से कम दो साल तक अमेरिकी कामगारों को बिना कारण नहीं निकाल सकेंगी।