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लॉकडाउन के दौरान बढ़े घरेलू हिंसा के मामले, पोप फ्रांसिस ने पी‍ड़‍ित महिलाओं के लिए की प्रार्थना

पोप फ्रांसिस ने अपने निजी पुस्तकालय से ईस्टर मंडे को घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए प्रार्थना की। जानिये इस दौरान उन्‍होंने क्‍या कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 12:22 AM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 12:22 AM (IST)
लॉकडाउन के दौरान बढ़े घरेलू हिंसा के मामले, पोप फ्रांसिस ने पी‍ड़‍ित महिलाओं के लिए की प्रार्थना
लॉकडाउन के दौरान बढ़े घरेलू हिंसा के मामले, पोप फ्रांसिस ने पी‍ड़‍ित महिलाओं के लिए की प्रार्थना

वेटिकन सिटी, एएफपी। पोप फ्रांसिस ने सोमवार को उन महिलाओं के लिए प्रार्थना की जो कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं। कोरोना के कारण दुनियाभर में अरबों लोग घरों के अंदर रहने के लिए बाध्य हैं। इस दौरान कई देशों में महिलाओं पर घरेलू उत्पीड़न बढ़ने की खबरें आ रही हैं। वेटिकन और इटली में दूसरे महीने भी घर के बाहर होने वाली गतिविधियों पर पाबंदी जारी है। ऐसे में पोप ने अपने निजी पुस्तकालय से ईस्टर मंडे की प्रार्थना को लाइव स्ट्रीम किया।

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इस दौरान उन्होंने कहा, 'इस समय कई माताएं, बहनें अपने पूरे परिवार और बच्चों के साथ घरों में हैं। कई बार एक साथ रहने के कारण बढ़े दबाव के बीच उन्हें हिंसा का खतरा होता है। हम उनके लिए प्रार्थना करते हैं कि भगवान उन्हें ताकत दें और हमारे लोग उनकी व उनके परिवार की मदद करें।' उन्होंने अस्पतालों, पुलिस बलों और अन्य आवश्यक सेवाओं में जुटी महिलाओं की प्रशंसा भी की। पोप फ्रांसिस को यह प्रार्थना इसलिए करनी पड़ी क्योंकि लॉकडाउन के दौरान ऑस्ट्रेलिया से फ्रांस तक कई देशों में दौरान घरेलू हिंसा के मामले काफी बढ़ गए हैं।

चिंता इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि बहुत से मामले सामने भी नहीं आते हैं। इटली के गृह मंत्रालय ने ऐसे मामलों की रिपोर्ट के लिए एप लांच किया है। यहां सरकार ने घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की मदद के लिए 3.28 करोड़ डॉलर (करीब 250 करोड़ रुपये) का फंड भी आवंटित किया है। पोप फ्रांसिस ने कोरोना से परेशान दुनियाभर के देशों के लिए भी प्रार्थना की।

इससे पहले पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने लॉकडाउन के बीच मनाए गए ईस्टर संडे के मौके पर कोरोना वायरस पीडि़तों के लिए प्रार्थना की थी। पोप ने वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान विश्व के नेताओं से अपने राजनीतिक मतभेदों को दूर रखने और महामारी के मद्देनजर वैश्विक संघर्ष विराम की अपील करते हुए विभिन्न देशों से अपनी सेनाएं वापस बुला लेने का अनुरोध किया था। उन्होंने वैश्विक नेताओं से कहा था कि यह आपस में बंटे रहने का वक्त नहीं है।


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