पीएम मोदी बोले- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पूरी दुनिया साथ आए, भाषण सुनने के लिए अचानक पहुंचे ट्रंप
UN Climate Change Summit प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन की गंभीर चुनौती से निपटने के लिए पूरी दुनिया का साथ आने का आह्वान किया है।
विशेष संवाददाता, न्यूयॉर्क। UN Climate Change Summit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन की गंभीर चुनौती से निपटने के लिए पूरी दुनिया का साथ आने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर मुद्दे पर अब बात करने का नहीं, काम करने का वक्त आ गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए हमें अपनी जीवनशैली से लेकर विकास की अवधारणा को बदलने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने भारत के गैर परंपरागत ईंधन (नॉन फॉसिल फ्यूल) से बिजली पैदा करने के लक्ष्य को दोगुना से भी ज्यादा बढ़ाकर 450 गीगावाट करने का संकल्प भी लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में पेरिस जलवायु समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा था कि भारत गैर परंपरागत ईंधन से 175 गीगावाट बिजली पैदा करेगा। 'हाउडी मोदी' रैली के बाद प्रधानमंत्री ने सोमवार को जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को संबोधित किया।
मोदी को सुनने बिना कार्यक्रम सम्मेलन में पहुंचे ट्रंप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलवायु परिवर्तन पर जब संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, तब उन्हें सुनने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी पहुंच गए। हालांकि, ट्रंप को इस सम्मेलन में नहीं आना था। बिना तय कार्यक्रम के सम्मेलन में पहुंचे ट्रंप करीब 10 मिनट तक वहां रहे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की बातों को गंभीरता से सुना। इस दौरान वह बीच-बीच में ताली भी बजाते रहे।
#WATCH live from New York: Prime Minister Narendra Modi speaks at UNSG's Summit on Climate Change. https://t.co/tkiAVOTpnL" rel="nofollow— ANI (@ANI) September 23, 2019
जो प्रयास होने चाहिए हमने नहीं किए
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि इस समस्या से निपटने के लिए जो प्रयास होने चाहिए हमने नहीं किए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस द्वारा आयोजित सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए दुनिया के तमाम देशों ने विभिन्न प्रयास किए हैं, लेकिन आज इसके लिए समावेश प्रयास की जरूरत है, जिसमें शिक्षा से मूल्यों, और जीवनशैली से विकास की अवधारणा को बदलना शामिल हो।
प्रकृति का सम्मान हमारी परंपरा
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रकृति का सम्मान और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हमारी परंपरा और मौजूदा नीति का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत आज इस विषय पर सिर्फ बात करने नहीं बल्कि, व्यवहारिक सोच और रोडमैप के साथ आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत गैर परंपरागत ईंधन का हिस्सा बढ़ा रहा है। 2022 तक हम अपने अक्षय ऊर्जा की क्षमता को 175 गीगावाट से बहुत आगे 450 गीगावाट तक ले जा रहे हैं। हमने अपने यहां पेट्रोल डीजल में बायोफ्यूल की मिक्सिंग और परिवहन में इलेक्टि्रक वाहनों को बढ़ाने पर जोर दिया है।
उज्ज्वला योजना का किया उल्लेख
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में उज्ज्वला योजना का जिक्र करते हुए कहा कि भारत कंप्रेस्ड बायो गैस पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। 15 करोड़ परिवारों को स्वच्छ रसोई गैस कनेक्शन दिया गया है, ताकि महिलाओं और बच्चों के साथ ही साथ पर्यावरण की सेहत में भी सुधार हो।
जल जीवन मिशन शुरू किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने जल संरक्षण, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और जल संसाधनों के विकास के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया है। भारत अगले कुछ वर्षो में इन योजनाओं पर 50 अरब डॉलर (लगभग 35 हजार करोड़ रुपये) खर्च करेगा।
सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल नहीं करने का आह्वान
मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर हमने सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को न करने का आह्वान किया है। उन्हें उम्मीद है कि यह वैश्रि्वक स्तर पर प्लास्टिक के सिंगल यूज के खिलाफ जागरूकता बढ़ाएगा।
विशेषज्ञ बोले, लक्ष्य आकर्षक लेकिन हासिल करना कठिन
नई दिल्ली : विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत के अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य को बढ़ाकर 450 गीगावाट करने के संकल्प का स्वागत तो किया है, लेकिन उसके क्रियान्वयन को लेकर आशंकाएं भी जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि लक्ष्य तो आकर्षक है लेकिन इसे हासिल करना आसान नहीं होगा।
पर्यावरणविद् चंद्र भूषण ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत के लिए एक सकारात्मक रोडमैप दिया है। लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अक्षय ऊर्जा बहुत महंगी है और तय लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं होगा। वहीं, पर्यावरण के लिए काम करने वाले गौरव बंसल का कहना था कि वक्त की जरूरत यह सुनिश्चित करने की है कि अक्षय ऊर्जा से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे।