पाकिस्तान को राइफलों की सप्लाई करता था अमेरिका में पिज्जा दुकान का मालिक, हो सकती है 10 साल की सजा
अमेरिका के मार्लबोरो में पिज्जा की दुकान के मालिक अशफाक और उसके साथी अपने देश पाकिस्तान तक राइफलों समेत अनेक हथियारों की अवैध सप्लाई करते थे। निर्यात संबंधी व्यवस्था में सेंध लगाने वाले इन दोषियों को अमेरिकी कानून के अनुसार दस साल तक की सजा हो सकती है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका में पिज्जा की दुकान चलाने वाले एक पाकिस्तानी और उसके साथी ने अपने देश में हथियार भेजने के संबंध में अपराध स्वीकार किया है। न्याय विभाग के अनुसार मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला 35 वर्षीय अशफाक मलिक अपने साथी 22 वर्षीय वलीद आफताब के साथ यहां पिज्जा की दुकान चलाता था। अमेरिकी पुलिस ने इन दोनों को दिसंबर 2014 में पकड़ा था। इनके द्वारा करीब 48 से ज्यादा एआर-15 सेमी आटोमेटिक राइफल और उनकी मैगजीन व पुर्जे अवैध रूप से पाकिस्तान भेजे गए थे।
अभियोजक के अनुसार अशफाक और उसका साथी दोनों मार्लबोरो में पिज्जा की दुकान के मालिक थे। उसका दूसरा घर पाकिस्तान के लाहौर में था। ये दोनों वर्जीनिया से हथियार अपने नाम से खरीदते थे। कहीं-कहीं उसने गलत जानकारियां देकर भी हथियार खरीदे। बाद में इन हथियारों को पाकिस्तान भेज देते थे। इसके लिए उसने निर्यात संबंधी व्यवस्था में भी सेंध लगा ली थी। अभियोजक के अनुसार, दोनों ही हथियार तस्करों को अमेरिकी कानून के अनुसार दस साल तक की सजा हो सकती है।
मलिक के याचिका समझौते के अनुसार उसने सितंबर और अक्टूबर 2012 के बीच विभिन्न आग्नेयास्त्रों और इससे जुड़े सामानों की ब्रिक्री करने वालों से करीब 48 एआर-15 100 कारतूस की खरीद की या इस तरह के खरीद में शामिल रहा। संघीय अभियोजनकर्ताओं के अनुसार प्रतिवादियों ने ऐसी वस्तुओं के निर्यात के लिए कभी जरूरी लाइसेंस हासिल नहीं किए थे।
अदालत में दिए गए दस्तावेजों के मुताबिक 28 नवंबर 2012 को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में हवाईअड्डे पर नियमित जांच के दौरान बिना निर्यात लाइसेंस के पाकिस्तान में निर्यात के लिये प्रतिबंधित हथियारों के पुर्जे पैकेज में पाए जाने के बाद यह मामला सामने आया था। पैकेज में वैसे हथियार मिले थे जिसपर पाकिस्तान निर्यात करने को लेकर रोक लगी थी। इसमें सेमी ऑटोमैटिक राइफल के रिसीवर, दो राइफल बोल्ट करियर, मैगजीन समेत कई अन्य हथियार थे।
कई मामलों में मलिक ने वर्जिनिया के स्प्रिंगफील्ट में गलत पता दिया था। अक्टूबर-नवंबर 2012 के बीच आफताब ने कई अवैध शिपमेंट लाहौर भिजवाए।