मालदीव में चीन का हस्तक्षेप चिंता का कारण : पेंटागन
चीन विकास के नाम पर मालदीप की जमीन हड़प कर अपना सैन्य ठिकाना बनाने में लगा है । इस तरह के घटनाक्रम सभी देशों के लिए चिंता का विषय हैं।
वाशिंगटन, प्रेट्र : मालदीव में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप और उसके बड़े भू-भाग को हथियाने के आरोप में पेंटागन ने कहा है कि अमेरिका के लिए यह चिंता का विषय है। दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के सहायक रक्षा सचिव जोय फेल्टर ने एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका भारत-प्रशांत क्षेत्र की खुले और स्वतंत्रता के लिए बाध्य है। वह इसका समर्थन करता है।
पेंटागन के शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा कि यह भारत से जुड़ा मामला है। इसलिए भारत के लिए भी यह चिंता का विषय है। हम देखेंगे कि इससे वह कैसे निपटता है। यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में पहचानी गई कुछ प्राथमिकताओं पर बल देता है। जोय ने मालदीव के विपक्षी नेता और पूर्व विदेश मंत्री के चीन पर लगाए आरोप का जिक्र करते हुए कहा कि चीन मालदीव में विकास के नाम पर उसकी जमीन हड़प कर अपना सैन्य ठिकाना बनाने में लगा है। इस तरह के घटनाक्रम सभी देशों के लिए चिंता का कारण हैं, जो नियम आधारित व्यवस्था का समर्थन करते हैं।
चीन की लगातार बढ़ रही गतिविधियां
जोय ने कहा आप देख रहे होंगे कि पूरे क्षेत्र में इस तरह की गतिविधियां बढ़ रही हैं, जो हमारे लिए चिंता का कारण है। जिबूती से ग्वादर बंदरगाह, श्रीलंका की हंबनटोटा बंदरगाह, मालदीव और इसके आगे पूर्व में इसका विस्तार हमें परेशान करने वाला है। इस क्षेत्र में दूसरे देशों के साथ भारत ने भी ऐसी ही चिंता जाहिर की है। हमें विश्वास है कि सभी बड़े-छोटे देश भारत-प्रशांत क्षेत्र स्वतंत्र, खुले और नियम आधारित व्यवस्था बनाए रखने में समर्थन देंगे।
मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री का यह था आरोप
मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अहमद नसीम ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि चीन मालदीव के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। वह बड़े पैमाने पर जमीन हड़पने की तैयारी में है। अगर चीन को खुला छोड़ दिया जाए तो भारत और अमेरिका के लिए बड़ा रणनीतिक खतरा पैदा होगा।