पर्ल हार्बर और 9/11 से भी घातक है अमेरिका पर कोरोना हमला, अब तक 75 हजार मौतें : ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका पर कोरोना वायरस संक्रमण का हमला पर्ल हार्बर और 9/11 के आतंकी हमले से भी ज्यादा घातक है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। कोरोना महामारी को लेकर चीन पर फिर अंगुली उठाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका पर कोरोना हमला पर्ल हार्बर और 9/11 के आतंकी हमले से भी ज्यादा घातक है। खतरनाक वायरस की चपेट में आकर करीब 75 हजार अमेरिकियों की मौत हो चुकी है और 12 लाख 60 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। महामारी की रोकथाम के प्रयास में किए गए उपायों के चलते दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ठप है। अमेरिका में इसकी वजह से अब तक तीन करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगारी लाभ के लिए आवेदन कर चुके हैं।
ट्रंप ने बुधवार को ह्वाइट हाउस में पत्रकारों से नियमित बातचीत में कहा कि हम अब तक के सबसे बुरे हमले से जूझ रहे हैं। यह अब तक का सबसे भयावह हमला है। यह पर्ल हार्बर और 11 सितंबर, 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले से भी भयावह है। इस तरह का हमला कभी नहीं देखा गया। इसे उसी गह पर रोका जा सकता था, जहां से इसकी शुरुआत हुई। इसे चीन में ही रोका जा सकता था। ट्रंप ने हाल में कहा था कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर की एक वायरोलॉजी लैब में ही हुई थी।
उनका यह भी मानना है कि चीन ने कोरोना वायरस के प्रारंभिक संक्रमण के बारे में पारदर्शिता नहीं दिखाई। ट्रंप प्रशासन यह दबाव बनाने का भी प्रयास कर रहा है कि चीन सरकार अमेरिकी विशेषज्ञों के दल को जांच के लिए वुहान जाने की अनुमति दे। चीन हालांकि अमेरिका के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर चुका है और उलटे अमेरिका पर आरोप मढ़ चुका है कि वह महामारी से निपटने में अपनी नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रहा है।
आर्थिक मंदी का अनुमान
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक का अनुमान है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आने वाली है। जबकि ह्वाइट हाउस के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की विकास दर शून्य से नीचे रह सकती है। अमेरिका में हालांकि अब कोरोना के नए मामलों और मौतों में कमी देखी जा रही है। इसी के चलते कई प्रांतों में आर्थिक गतिविधियां बहाल की जा रही हैं।
जापान ने पर्ल हार्बर पर बरसाए थे बम
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सात दिसंबर, 1941 को जापान की इंपीरियल नेवी के लड़ाकू विमानों ने हवाई द्वीप के पर्ल हार्बर स्थित अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर हमला किया था। इस बमबारी में अमेरिका के कई युद्धपोत और 188 विमान तबाह हो गए थे। इस हमले में 2403 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई थी।
9/11 को दहल गया था अमेरिका
अमेरिका पर 11 सितंबर, 2001 को हुए आतंकी हमले को 9/11 के तौर पर जाना जाता है। तब अलकायदा के आतंकियों ने विमान हाइजैक कर न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर समेत चार जगहों पर हमले किए थे। इस हमले से अमेरिका दहल गया था। इसमें करीब तीन हजार लोगों की जान गई थी। वहीं कोरोना वायरस की चपेट में आने से अब तक यहां पर 75 हजार मौतें हो चुकी है।
इस वजह से इस वायरस की तुलना इन दोनों हमलों से भी बड़े हमले से किया जा रहा है। अमेरिका इस तरह के हर हमले से दहल जाता है क्योंकि उसके लिए देश के नागरिकों की रक्षा करना पहली प्राथमिकता होती है। यदि किसी दूसरे देश में किसी अमेरिकी नागरिक की मौत हो जाती है तो अमेरिका उस देश के खिलाफ जंग तक छेड़ देता है।