कश्मीर की यथास्थिति बदलने के लिए आतंकियों का इस्तेमाल कर रहा पाकिस्तान, अमेरिका ने भी जताई चिंता
आतंकवाद ने पिछले दो दशकों में शांति के लिए किए गए प्रत्येक प्रयास को नाकाम किया है और क्षेत्र में एक असुरक्षा का माहौल पैदा किया है। बढ़ते आतंकवाद से सबसे ज्यादा कश्मीरी पंडित प्रभावित हुए हैं ।
वाशिंगटन, प्रेट्र। जम्मू-कश्मीर की यथास्थिति को बदलने के लिए पाकिस्तान आतंकी समूहों का इस्तेमाल कर रहा है। उसके इस कदम ने ना केवल शांति प्रयासों को कमजोर किया है बल्कि मानवाधिकारों को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। यह बात पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा शासनकाल के दौरान राजनयिक रहीं एलिसा अयर्स ने सांसदों से कही।
उन्होंने कहा कि कश्मीर की स्थिति जटिल और दुखद है। भारत के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों की मौजूदगी से सभी परिचित हैं। जिसके चलते कश्मीरियों और भारत सरकार को आतंकवाद की कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आतंकवाद ने पिछले दो दशकों में शांति के लिए किए गए प्रत्येक प्रयास को नाकाम किया है और क्षेत्र में एक असुरक्षा का माहौल पैदा किया है। बढ़ते आतंकवाद से सबसे ज्यादा कश्मीरी पंडित प्रभावित हुए हैं, जिन्हें अपना क्षेत्र छोड़कर दूसरे स्थानों पर शरण लेनी पड़ी।
एलिसा ने कहा कि भारत सरकार ने जम्मू -कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के लिए पिछले साल अनुच्छेद-370 को खत्म करके वहां पर भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर दिया था, लेकिन इस स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ है। हालांकि ऐसा करने से लोकतंत्र और मानव अधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
चीन के अक्रामक रवैये पर भी चिंता जता चुका है अमेरिका
वहीं, दूसरी ओर अभी हाल ही में भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा था कि चीन ने भारत के खिलाफ इसलिए आक्रामक रवैया अपना रखा है ताकि वह नई दल्ली को सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का निर्माण करने से रोक सके। अगर वह ऐसा करने में कामयाब रहता है तो इससे बीजिंग को रणनीतिक लाभ होगा। प्रतिनिधि सभा के लिए इलिनोइस से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे कृष्णमूर्ति इंटेलिजेंस पर सदन की शक्तिशाली कमेटी के एकमात्र भारतीय मूल के अमेरिकी सदस्य हैं। कुछ दिनों पहले इसी कमेटी में भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता पर चर्चा की गई थी।