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इस्लामोफोबिया के मुद्दे पर पाक का दांव विफल, संयुक्त राष्ट्र में यूएई और मालदीव ने किया भारत का समर्थन

पाकिस्तान ने ओआइसी की बैठक में भारत में इस्लामोफोबिया के मुद्दे पर अनौपचारिक समूह के गठन का प्रस्ताव रखा था लेकिन मालदीव और यूएई ने खारिज कर दिया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 07:00 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 08:00 PM (IST)
इस्लामोफोबिया के मुद्दे पर पाक का दांव विफल, संयुक्त राष्ट्र में यूएई और मालदीव ने किया भारत का समर्थन
इस्लामोफोबिया के मुद्दे पर पाक का दांव विफल, संयुक्त राष्ट्र में यूएई और मालदीव ने किया भारत का समर्थन

इस्लामाबाद, आइएएनएस। संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश में पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी। पाकिस्तान ने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआइसी) की बैठक में भारत में इस्लामोफोबिया के मुद्दे पर अनौपचारिक समूह के गठन का प्रस्ताव रखा था। लेकिन मालदीव और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने उसके प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। 

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पाकिस्‍तान ने की इस्लामोफोबिया का मुद्दा उठाने की कोशिश 

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई ओआइसी राजदूतों की बैठक में भारत में कथित इस्लामोफोबिया का मुद्दा उठाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के हाथों मुस्लिमों और कश्मीरियों का उत्पीड़न हो रहा है। पाकिस्तान के पुराने रवैये पर चलते हुए खान ने यह भी कहा कि कोरोना काल में भारत में मुस्लिमों के खिलाफ नफरत और बढ़ गई है। यह भी बताने की कोशिश की कि मोदी सरकार ने नियमों को बदलकर जम्मू-कश्मीर में गैर कश्मीरियों को भी स्थायी नागरिक बनने का अधिकार दे दिया है, लेकिन मालदीव और यूएई ने पाकिस्तान की चाल नाकाम कर दी। 

मालदीव ने आरोपों को किया खारिज  

मालदीवी मीडिया के मुताबिक उनके देश की राजदूत तिलमीजा हुसैन ने भारत को निशाना बनाने की कोशिशों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि इस्लामोफोबिया को लेकर भारत पर आरोप लगाना न सिर्फ तथ्यामक रूप से गलत होगा, बल्कि दक्षिण एशिया के धार्मिक सौहार्द के लिए भी घातक होगा। अमेरिका में मालदीव की राजदूत हुसैन ने यह भी कहा कि कुछ लोगों के बयान और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही गलत सूचनाओं को भारत के 130 करोड़ लोगों की भावना नहीं समझनी चाहिए। 

पाकिस्तान को करारा तमाचा

मालदीव के तर्को का समर्थन करते हुए बैठक की अध्यक्षता कर रहे यूएई के राजदूत ने भी इस्लामोफोबिया पर औपचारिक समूह बनाने के पाकिस्तान के अनुरोध को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के समूह के गठन का अधिकार ओआइसी के विदेश मंत्रियों को है। मालदीव और यूएई की यह पहल पाकिस्तान के लिए जोरदार तमाचे से कम नहीं है। यूएई पाकिस्तान को दान देने वाले सबसे बड़े मुल्कों में से है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मालदीव हमेशा उसका साथ देता रहा है।

भारत की निंदा को लेकर छटपटा रही इमरान सरकार

इतना ही नहीं, पाकिस्तान इतने भर के लिए ही छटपटा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की निंदा ही कर दी जाए। इसमें भी उसे हर तरफ नाकामी ही मिल ही है। इसका अंदाजा पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की हालिया ट्वीट से भी लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका देश लगातार यह कोशिश कर रहा है कि संयुक्त राष्ट्र और ओआइसी इस्लामोफोबिया के लिए मोदी सरकार की निंदा करे।


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