WHO से नाराज ट्रंप ने कहा, फंडिंग हमेशा के लिए कर देंगे बंद, चीन के शिकंजे से बाहर निकलो
चीन के साथ खड़े दिखने वाले डब्ल्यूएचओ पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाराजगी जाहिर की है। कहा है कि यदि डब्ल्यूएचओ चीन के साथ खड़ा दिखा तो फंडिंग बंद कर दी जाएगी।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) अगले 30 दिनों में चीन के शिकंजे से बाहर नहीं निकलता है तो अमेरिका उसकी फंडिंग हमेशा के लिए बंद कर देगा। इतना ही नहीं अमेरिका डब्ल्यूएचओ की सदस्यता से भी हटने पर विचार करेगा।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस को लिखे एक पत्र में ट्रंप ने कहा, 'यह स्पष्ट है कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने में आपके संगठन और आपने ने बार-बार गलत कदम उठाए जो पूरी दुनिया को काफी महंगा पड़ रहा है। इससे आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका यह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन चीन के शिकंजे से बाहर निकले।'
चार पृष्ठ के पत्र में ट्रंप ने कहा, 'मेरी सरकार ने आपसे (महानिदेशक) पहले ही संस्था में सुधार के लिए बातचीत शुरू कर दी है, लेकिन फिलहाल तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। हमें समय बर्बाद नहीं करना है।' बता दें कि 14 अप्रैल को राष्ट्रपति ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को प्रति वर्ष दी जाने वाली 500 मिलियन डॉलर (करीब 3500 करोड़ रुपये) की धनराशि को रोक दिया था। अमेरिका का आरोप था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वुहान से फैली कोरोनावायरस महामारी को चीन के प्रभाव के चलते छिपाया है।
ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को बताया चीन की कठपुतली
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में भी डब्ल्यूएचओ की आलोचना की। उन्होंने कहा, 'वे (डब्ल्यूएचओ) चीन की कठपुतली हैं। यह कहना बेहतर होगा कि वे चीन केंद्रित हैं। अमेरिका डब्ल्यूएचओ को सालाना 450 मिलियन डॉलर (करीब 3500 करोड़ रुपये) देता है। जबकि चीन मात्र 38 मिलियन डॉलर (लगभग 290 करोड़ रुपये) देता है। इसे कम करने की योजना बनाई जा रही है, क्योंकि हमारे साथ सही बर्ताव नहीं हुआ।
ट्रंप ने दावा किया कि अगर उन्होंने चीन से यात्रा पर प्रतिबंध नहीं लगाए होते तो कोरोना वायरस से देश में और लोगों की मौत होती। बता दें कि प्रतिबंध लगाए जाने का डब्ल्यूएचओ ने विरोध किया था। ट्रंप ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन भी इस प्रतिबंध के खिलाफ थे।