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भारत-पाक विवादः US की दो टूक, पाकिस्तानी सरजमीं पर आतंकवाद शांति में सबसे बड़ा रोड़ा

भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं हो सकती है।

By ShashankpEdited By: Published: Sat, 08 Jun 2019 06:19 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 06:37 PM (IST)
भारत-पाक विवादः US की दो टूक, पाकिस्तानी सरजमीं पर आतंकवाद शांति में सबसे बड़ा रोड़ा

वॉशिंगटन, पीटीआइ । अमेरिका ने एकबार पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। पाकिस्तान भले ही भारत के साथ शांति वार्ता का ढ़ोंग करने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन पाकिस्तान के इस नाटक को अमेरिका अच्छी तरह समझ चुका है।अमेरिका के व्हाइट हाउस ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए पाकिस्तान को, भारत पाकिस्तान शांति वार्ता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है।

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समाचार एजेंसी पीटीआइ से बातचीत में व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा , 'पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे। पाकिस्तान ने अबतक अपने घर में रह रहे आतंकियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जबतक पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त एक्शन नहीं लेता, भारत पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता नहीं हो सकती।

आपको बता दें पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है। इमरान खान ने पीएम मोदी से कश्मीर समेत अहम मसलों पर बातचीत की पेशकश की है।

अपनी चिट्ठी में इमरान खान ने पीएम मोदी को दोबारा सत्ता में आने पर बधाई दी है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बातचीत की पेशकश करते हुए सभी जरूरी मसलों समेत कश्मीर के मुद्दे को हल करने की बात कही है। इमरान खान ने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत ही एकमात्र उपाय है, जिससे दोनों देशों के लोगों की गरीबी दूर हो सके। इमरान ने कहा कि क्षेत्रीय विकास के लिए मिलकर काम करना काफी महत्वपूर्ण है।

बता दें, भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं हो सकती है। विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि बिश्केक में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन यानि एससीओ की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इमरान खान के बीच कोई बातचीत नहीं होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया है कि शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के मौके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इमरान खान के बीच कोई बैठक नहीं की जा रही है।

इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर को खत लिखकर नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी। साथ ही सभी महत्वपूर्ण मसलों पर बातचीत की इच्छा जताई है और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के प्रयासों के लिए प्रतिबद्धता जताई है। जयशंकर के विदेश मंत्री बनने के बाद पाकिस्तान की ओर से वार्ता शुरू करने की दिशा में यह पहला औपचारिक प्रयास माना जा रहा है।

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