कोविड-19 वैक्सीन की खुराक लेने से झिझक रही अमेरिका की एक तिहाई जनता
अमेरिका में कोविड-19 वैक्सीन की खुराक लोगों को दी जा रही है लेकिन इस बीच यहां किए गए एक सर्वे से पता चला है कि यहां के लोगों में वैक्सीन लेने के प्रति झिझक है। सर्वे के अनुसार यहां के एक तिहाई लोगों को शॉट लेने में झिझक है।
न्यूयार्क, आइएएनएस। कोविड-19 महामारी से जूझ रही दुनिया के सभी देशों में सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका है। वहां वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू है। इस बीच वहां हुए सर्वे से पता चला है कि एक तिहाई अमेरिकी वैक्सीन की डोज लेने में झिझक महसूस कर रहे हैं। इस अध्ययन के निष्कर्ष जर्नल वैक्सीन में प्रकाशित किए गए। वैक्सीन नहीं लेने के पीछे शीर्ष कारणों में वैक्सीन के साइड इफेक्ट, एलर्जी , इसके प्रभावी होने पर लोगों में संदेह है। साथ ही लोगों में अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंता, सूूई से डर, पहले हुए संक्रमण के कारण इम्यून हो जाने के साथ युवा होना महत्वपूर्ण कारणों में शामिल है।
अध्ययन के लेखक व कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर जिनेट बी रुइज ने बताया कि इस रिसर्च में देश के 2.5 मिलियन प्रतिभागियों को इंटरनेट सर्वे पैनल के तहत लिया गया। रिसर्च के अनुसार, कई लोगों को लगता है कि वे अभी ज्यादा स्वस्थ हैं और वे वैक्सीन के लिए और इंतजार कर सकते हैं। इसके अलावा वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर भी लोगों के मन में संदेह है। हर वैक्सीन में एनाफिलिक्स या गंभीर एलर्जी रिएक्शन के रूप में साइड इफेक्ट होने की संभावना होती है।
अमेरिका में फाइजर बायोएनटेक और मोडर्ना का प्रभाव 95 और 100 फीसद है। लोगों का मानना है कि बाजार में वैक्सीन का आना जल्दबाजी है। ऐसे लोगों का मानना है कि वैक्सीन कितनी प्रभावी होगी यह तय करने में 9 से 12 महीने में कहना संभव नहीं हैं।
वर्ष 2019 के अंत में चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अब तक दुनिया भर में 10 करोड़ 20 लाख 7 हजार 4 सौ 80 लोग संक्रमित हैं और 22 लाख 4 हजार 4 सौ 94 लोगों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने दी है। इसके अनुसार दुनिया में सबसे अधिक संक्रमित अमेरिका में अब तक कुल संक्रमण का आंकड़ा 2 करोड़ 59 लाख 9 हजार 3 सौ 36 हो गया वहीं मरने वालों की संख्या 4 लाख 36 हजार 5 सौ 41 है।