जातीय टिप्पणी पर नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक से वापस लिए गए पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार विजेता James Watson द्वारा जाति और नस्ल आधारित टिप्पणियां किए जाने के बाद उनसे उनकी प्रयोगशाला ने सम्मान वापस ले लिए हैं।
वाशिंगटन, आइएएनएस। नोबेल पुरस्कार विजेता जेम्स वॉटसन द्वारा जाति और नस्ल आधारित टिप्पणियां किए जाने के बाद उनसे उनकी प्रयोगशाला ने सम्मान वापस ले लिए हैं। बता दें कि वाटसन डीएनए हेलिक्स के सह खोजकर्ता होने के साथ ह्यूमन जीनोम के पितामह भी हैं।
न्यूयॉर्क स्थित द कोल्ड स्पि्रंग हार्बर लेबोरेटरी (सीएसएचएल) ने अपने बयान में कहा है कि यह कदम इस महीने प्रसारित हुए टेलीविजन वृत्तचित्र में उनके द्वारा की गई टिप्पणी के बाद उठाया गया है। बता दें कि वाटसन ने न केवल इस लेबोरेटरी में चार दशकों तक काम किया है बल्कि उनके नाम पर यहां एक स्कूल भी है।
खास बात यह है कि 90वर्षीय अनुवांशिकविद वाटसन ने 2007 में एक ब्रिटिश समाचार पत्र से बातचीत में अफ्रीका के लोगों के कम बुद्धिमान होने की बात कही थी। इसके बाद लेबोरेटरी से निकाले जाने के दबाव में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
ताजा विवाद तब शुरू हुआ जब अभी हाल ही में अमेरिकन मास्टर्स: डिकोडिंग वाटसन नामक एक नई पीबीएस वृत्तचित्र प्रसारित की गई। इस दौरान जब लैब से बाहर निकलने हुए उनसे जाति के बारे में उनके विचारों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह अपनी पूर्व में की गई टिप्पणी पर कायम हैं। उन्होंने फिर कहा कि आइक्यू की अगर बात करें तो अश्वेत लोगों में इसकी कमी दिखाई पड़ती है।