अमेरिका में ऑनलाइन संवाद को नियंत्रित करने की तैयारी, संसदीय समिति के सामने पेश हुए पिचाई, जुकरबर्ग और डोर्सी
सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर और सर्च इंजन गूगल के सीईओ ने बुधवार को अमेरिकी सांसदों की समिति के समक्ष इंटरनेट कानून में संशोधन के प्रस्ताव पर अपने विचार रखे। नए कानून में ऑनलाइन बातचीत को नियंत्रित करने पर विचार हो रहा है।
वाशिंगटन, रायटर। सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर और सर्च इंजन गूगल के सीईओ ने बुधवार को अमेरिकी सांसदों की समिति के समक्ष इंटरनेट कानून में संशोधन के प्रस्ताव पर अपने विचार रखे। जबकि फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग तकनीक कारणों से इस वर्चुअल सुनवाई में अपनी पूरी बात नहीं कह पाए। नए कानून में ऑनलाइन बातचीत और अन्य गतिविधियों को नियंत्रित करने के प्रावधान पर विचार हो रहा है।
कानून में सुधार के मामले में अमेरिकी सांसद बंटे हुए हैं। वे दिग्गज तकनीक कंपनियों की जिम्मेदारी को बढ़ाने वाले संशोधनों पर विचार कर रहे हैं। प्रस्ताव में राजनीतिक हस्तक्षेप की संभावना भी कम किए जाने का प्रावधान है। ट्विटर इंक के सीईओ जैक डोर्सी और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने सांसदों की समिति से कहा, मौजूदा कम्युनिकेशन डीसेंसी एक्ट का सेक्शन 230 यूजर्स के पोस्ट किए जाने वाले कंटेंट के लिए कंपनी को जिम्मेदार बनाने से छूट देता है।
सुंदर पिचाई ने यह भी कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा मामला है। वहीं डोर्सी ने कहा कि इस सेक्शन में बदलाव करने से लोगों के ऑनलाइन संवाद पर नकारात्मक असर पड़ेगा और लोग उससे बचने लगेंगे। जबकि पिचाई ने कहा, गूगल बिना किसी राजनीतिक स्वार्थ के काम करती है और ऐसा कुछ भी नहीं करती जो उसके कारोबारी हितों के खिलाफ हो। फेसबुक के सीईओ जुकरबर्ग से समिति का संपर्क थोड़ी देर के लिए ही स्थापित हो पाया।
हालांकि इस बातचीत में उन्होंने कहा, वह कानून में बदलाव का समर्थन करते हैं। नए कानून में कंपनियों को और जिम्मेदार बनाया जाएगा... लेकिन उन्होंने इससे कंपनियों की कानूनी समस्याएं बढ़ने की आशंका भी जताई। समिति की अध्यक्षता कर रहे रिपब्लिकन सांसद रोजर विकर ने कहा, हम कंपनियों को कानूनी समस्याओं से बचाने का इंतजाम करके चलेंगे लेकिन इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण भी जरूरी है। अब ऑनलाइन कम्युनिकेशन में पूरी स्वतंत्रता खत्म करना जरूरी हो गया है।