सेंसर की मदद से स्मार्ट बनेंगे आपके कपड़े
शोध में कहा गया है कि सेंसर लगे कपड़ों का फायदा ये है कि इससे चलने के दौरान मनुष्य के पैर पर पड़ने वाले दबाव का पता चल सकता है।
वाशिंगटन [प्रेट्र]। वैज्ञानिकों ने सेंसर की मदद से सूजी और कई ऊनी कपड़ों को स्मार्ट कपड़ों में तब्दील करने में सफलता प्राप्त की है। उनका कहना है कि ये कपड़े मनुष्यों में गति का पता लगा सकेंगे। अमेरिका की डेलवेयर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि सेंसर को मनुष्य की गति का अध्ययन करने के लिए जूतों के सोल या कपड़ों में लगाया जा सकता है।
जनरल एसीएस सेंसर्स में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि कार्बन नैनोट्यूब की मदद से इन हल्के और हवादार कपड़ों का निर्माण संभव हो सका। शोध में कहा गया है कि सेंसर लगे कपड़ों का फायदा ये है कि इससे चलने के दौरान मनुष्य के पैर पर पड़ने वाले दबाव का पता चल सकता है।
इसकी मदद से डाक्टर चोट के बाद चलने में होने वाली परेशानी और एथलीट को लगने वाली चोटों को रोकने में सफल होंगे। डेलवेयर यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर एरिक थॉस्टनसन का कहना है कि ये सेंसर टच करने से लेकर कई टन वजन का भी आकलन कर सकते हैं। उन्होनें कहा कि वर्तमान में धातुओं के साथ फाइबर को जोड़ने की जो तकनीक या धातु को फाइबर के साथ सिलने का जो तरीका है उससे कपड़े कम आरामदायक होने की संभावना है।
लेकिन नैनोकंपोजिट ट्यूब की मदद से आरामदायक कपड़े तैयार किए जा सकते हैं। कपड़ों में प्रयोग की गई पर्त मुश्किल से 250 से 750 नैनोमीटर मोटी है यानी कागज के टुकड़े की मोटाई की .25 से .75 प्रतिशत। इससे कि कपड़ों या जूतों के वजन कुछ ग्राम की ही वृद्धि होती है। इसके अलावा सेंसर को बनाने में प्रयोग किया गया मैटीरियल सस्ता और इकोफ्रेंडली है। उसे कमरे के तापमान पर पानी या घोल के साथ भी प्रयोग किया जा सकता है।
स्मार्ट गारमेंट्स तैयार करने के लिए शोधकर्ताओं विद्युत चालित नैनोकंपोजिट कोटिंग बनाने के स्थान पर इलेक्ट्रोफोरेटिक डेपोजीशन का प्रयोग किया। थॉस्टंसन का कहना है कि यह फिल्म कपड़े को रंगने की तरह ही है जो कि उसमें इलेक्ट्रिकल सेंसिंग को जोड़ देती है।