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उत्‍तर कोरिया ने चेताया, बातचीत का सही तरीका अपनाए अमेरिका, हमारे धैर्य की भी सीमा

उत्तर कोरिया (North Korea) ने अपने ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों के मसले पर अमेरिका को कहा है कि वह बातचीत के लिए सही कूटनीतिक प्रक्रिया अपनाए क्‍योंकि उसका धैर्य जवाब दे रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 05 Jun 2019 09:29 AM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2019 09:43 AM (IST)
उत्‍तर कोरिया ने चेताया, बातचीत का सही तरीका अपनाए अमेरिका, हमारे धैर्य की भी सीमा
उत्‍तर कोरिया ने चेताया, बातचीत का सही तरीका अपनाए अमेरिका, हमारे धैर्य की भी सीमा

प्‍योंगयांग, एएनआइ। उत्तर कोरिया (North Korea) ने अपने ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों के मसले पर अमेरिका (United States)को चेतावनी दी है। उसने कहा है कि हमारा धैर्य जवाब दे रहा है, इसलिए अमेरिका ने बातचीत के लिए सही कूटनीतिक प्रक्रिया अपनाए। गौर करने वाली बात है कि उत्‍तर कोरिया का यह बयान हनोई शिखर सम्मेलन (Hanoi summit) के विफल होने के बाद आया है। इस सम्‍मेलन में संयुक्त राज्य अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु निरस्‍त्रीकरण (Denuclearisation) को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई थी।  

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समाचार एजेंसी योनहेप (Yonhap news agency) के मुताबिक, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका को अपने आकलन का तरीका बदलना चाहिए ताकि किम जोंग उन पिछले वर्ष जून में हुई पहली मुलाकात के समझौते को बरकरार रख सकें। अमेरिका को पिछले एक साल में दोनों देशों के बीच रिश्तों में आए बदलाव को देखते हुए अपनी नीतियों पर फैसला करना चाहिए, अन्‍यथा काफी देर हो जाएगी क्योंकि धैर्य की भी एक सीमा होती है।

उल्‍लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तानाशाह किम जोंग उन की पहली मुलाकात सिंगापुर में हुई थी। तकरीबन 90 मिनट चली मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच 38 मिनट व्‍यक्तिगत बातचीत हुई। दावा किया जाता है कि इस बातचीत में अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने उत्‍तर कोरियाई नेता किम को परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए मना लिया था। इसके बाद उत्तर कोरिया ने कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया। हालांकि उसके द्वारा हथियारों का परीक्षण बदस्‍तूर जारी है। 

इससे पहले अमेरिका (America) ने कहा था कि उत्‍तर कोरिया के सामूहिक विनाश के हथियारों (North Korea's program of weapons) के कार्यक्रम ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों (UN Security Council resolutions) का उल्लंघन किया है। अमेरिकी विदेश विभाग की यह टिप्‍पणी राष्‍ट्रपति ट्रंप के उस बयान के बाद सामने आई थी जिसमें उन्‍होंने उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल परीक्षणों पर जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ असहमति जताते हुए कहा था कि वह इन परीक्षणों से 'निजी तौर पर चिंतित' नहीं हैं। 

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