H-1बी वीजा धारक अमेरिकी पेशेवरों के लिए समस्या नहीं, उन्हें मिलते रहेंगे बेहतरीन मौके
एक नए शोध के अनुसार H-1बी के कारण अमेरिकी स्नातकों को बेहतर मौके मिलते हैं।
वाशिंगटन, प्रेट्र। एक नए शोध के अनुसार, एच-1बी वीजा धारक, जिनमें ज्यादातर भारतीय आइटी पेशेवर हैं, अमेरिकियों के लिए समस्या नहीं हैं। शोध में यह भी सामने आया है कि ऐसे वीजा वाले विदेशी कर्मचारियों की उपस्थिति से किसी व्यवसाय में अन्य पेशेवरों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। दरअसल एच-1बी वीजा अमेरिकी कंपनियों को उच्च बौद्धिकता वाले विदेशी पेशेवरों को नौकरी पर रखने का मौका देता है। इन वीजा के जरिए भारत और चीन के बहुत से पेशेवर अच्छे पैकेज पर नौकरी पाने में सफल रहते हैं।
एक अप्रैल को यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआइएस) ने बताया इस बार एच-1 बी बीजा के लिए करीब 2,75,000 आवेदन मिले। हालांकि देश की संसद (कांग्रेस) ने 85,000 एच-1बी वीजा जारी करने की अनुमति दी है। इन आवेदनों में सर्वाधिक 67 फीसद भारत के लोगों ने किए हैं।नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी ने कहा कि उसके नए शोध के निष्कषरें के आधार पर नीति निर्माताओं को एच-1बी कार्यक्रम पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने को विराम देना चाहिए।
ट्रंप प्रशासन एच-1बी वीजा पर नए प्रतिबंधों की योजना बना रहा है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि विदेशों में जन्मे वैज्ञानिक और इंजीनियर अमेरिकी स्नातकों की नौकरी की संभावनाओं के लिए खतरा हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, 'नए शोध के अनुसार, एच-1बी वीजा धारक अमेरिकी पेशेवरों के लिए समस्या नहीं बनते हैं। इसके उलट एच-1बी वीजा धारकों की मौजूदगी से कॉलेज के स्नातकों की न केवल आय में तेजी से वृद्धि होती है बल्कि बेरोजगारी की दर भी नीचे रहती है।
प्रवासी भारतीय नागरिक वीजा मुद्दे निर्णय लेगा भारत
ओसीआइ (प्रवासी भारतीय नागरिक) कार्ड धारकों के दीर्घकालिक वीजा पर लगी अस्थायी रोक के मामले में भारत सरकार जल्द निर्णय लेगी। इस बात का आश्वासन विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने दिया है। उन्होंने सरकार द्वारा हाल में घोषित आर्थिक सुधारों के तहत अमेरिका स्थित भारतीय समुदाय के सदस्यों को देश में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।