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भविष्य की महामारियों से बचाएगी कोरोना वायरस की यूनिवर्सल वैक्सीन, अगले साल शुरू होगा ह्यूमन ट्रायल

भविष्य के कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए वैज्ञानिकों ने मौजूदा SARS-CoV-2 कोरोना वायरस और जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाले कोरोना वायरस एक समूहों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूनिवर्सल वैक्सीन तैयार की गई है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 02:12 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 02:12 PM (IST)
भविष्य की महामारियों से बचाएगी कोरोना वायरस की यूनिवर्सल वैक्सीन, अगले साल शुरू होगा ह्यूमन ट्रायल
भविष्य की महामारियों को रोकने के लिए वैज्ञानिकों ने बनाई कोरोना वायरस की यूनिवर्सल वैक्सीन।

वाशिंगटन, पीटीआइ। वैज्ञानिकों ने एक यूनिवर्सल टीका विकसित किया है, जो न केवल कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर है, बल्कि अन्य कोरोना वायरस से भी चुहों की रक्षा करने में सक्षम है। यूनिवर्सल वैक्सीन कोरोना के खतरनाक स्वरूपों से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को ट्रिगर करता है।

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अमेरिका में उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय (यूएनसी) के शोधकर्ताओं ने कहा कि 2003 में सार्स का प्रकोप और अब वैश्विक कोविड-19 महामारी के कारण कोरोना वायरस एक खतरा बना हुआ है। जबकि कोई नहीं जानता कि कौन सा वायरस अगले प्रकोप का कारण बन सकता है। भविष्य के कोरोनावायरस महामारी को रोकने के लिए टीम ने मौजूदा SARS-CoV-2 कोरोना वायरस और जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाले कोरोना वायरस एक समूहों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए वैक्सीन तैयार की गई है।

साइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में इसे दूसरी पीढ़ी के टीके के रूप में देखा जा रहा है, जो सर्बेकोवायरस को लक्षित करता है। सर्बेकोवायरस कोरोनावायरस के बड़े परिवार का हिस्सा, पिछले दो दशकों में दो विनाशकारी बीमारियां सार्स और कोविड-19 के बाद वायरोलॉजिस्ट के लिए यह प्राथमिकता है।

टीम का दृष्टिकोण एमआरएनए निवारक के साथ शुरू हुआ, जो आज इस्तेमाल किए जाने वाले फाइजर और मॉडर्न टीकों के समान है। हालांकि, केवल एक वायरस के लिए एमआरएनए कोड शामिल करने के बजाय, उन्होंने कई कोरोना वायरस से एमआरएनए को एक साथ जोड़ दिया।

जब इस वैक्सीन को चूहों को दिया गया, तो हाइब्रिड वैक्सीन ने प्रभावी रूप से कई स्पाइक प्रोटीनों के खिलाफ न्यूट्रलाइज़िंग एंटीबॉडी उत्पन्न किया, जिसे वायरस स्वस्थ कोशिकाओं पर पकड़ बनाने के लिए उपयोग करता है। इसमें B.1.351 संस्करण से जुड़ा हुआ वायरस भी शामिल है, जिसे पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पहचाना गया था।

शोध में SARS-CoV और संबंधित कोरोना वायरस से संक्रमित चूहों के डेटा और चूहों में संक्रमण और फेफड़ों की क्षति को रोकने वाले टीके शामिल हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि अतिरिक्त परीक्षण से अगले साल मानव नैदानिक ​​​​परीक्षण हो सकते हैं।


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