अब दूरी समझने में स्वचालित कारों को नहीं होगी दिक्कत
एमआइटी के वैज्ञानिकों ने ऐसी इमेजिंग प्रणाली विकसित कर ली है, जिसकी मदद से स्वचालित कारें दूरी के बारे में जल्द और सटीक जानकारी हासिल कर लेंगी।
बोस्टन (प्रेट्र)। दुनियाभर के वैज्ञानिक बिना चालक की कारों को विकसित करने और उन्हें बेहतर बनाने में लगे हुए हैं। इस प्रयास में वे काफी हद तक सफल भी हुए हैं, लेकिन अभी इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना बाकी है। अब इस दिशा में अमेरिका के मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। उन्होंने ऐसी इमेजिंग प्रणाली विकसित कर ली है, जिसकी मदद से स्वचालित कारें दूरी के बारे में जल्द और सटीक जानकारी हासिल कर लेंगी। इस खोज से चालक रहित कारों के विकास में बेहद मदद मिलेगी।
वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह प्रणाली टाइम ऑफ फ्लाइट का इस्तेमाल करती है। इसमें दूरी को नापने के लिए रोशनी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी गणना समय के साथ करने पर कार के सेंसर को दूरी का पता लग जाता है।
यह है खासियत
एमआइटी के पीएचडी छात्र अचुत कदंबी के मुताबिक, जब आप रेंज बढ़ाते हैं तो रेजोलूशन तेजी से कम हो जाता है। मान लें कि आप चाहते हैं कि कार ज्यादा दूरी के परिदृश्य को जल्द समझ जाए ताकि किस ओर मुड़ना है या गति कम या ज्यादा करनी है उसका निर्णय वह जल्दी ले सके। आप इसकी शुरुआत एक सेंटीमीटर से कर सकते हैं, लेकिन अब रेजोलूशन को एक फुट या पांच फुट तक किया जा सकता है।
कदंबी के मुताबिक, वहीं इस नई तकनीक की रेंज दो मीटर है, जिसके रेजोलूशन की डेप्थ एक सेंटीमीटर है। शोधकर्ताओं की टीम में शामिल एमआइटी के राजीव गुप्ता और रमेश रासकर के मुताबिक, नई प्रणाली की यह रेंज अभी मौजूद प्रणालियों से बहुत बेहतर है। इसके जरिए पार्किंग में कार लगाते समय भी पूरी सावधानी रखी जा सकती है।
500 मीटर की दूरी से रेजोलूशन एक सेंटीमीटर
इस प्रणाली की जांच में सामने आया कि 500 मीटर की दूरी से भी इसका रेजोलूशन एक सेंटीमीटर रहता है। इसके चलते वर्तमान में मौजूद दूरी मापने की सभी तकनीकों से यह प्रणाली बहुत बेहतर है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह प्रणाली दुनियाभर में स्वचालित कारों की तस्वीर बदलने की क्षमता रखती है।
रेजोलूशन की डेप्थ को बढ़ाया
एमआइटी के वैज्ञानिकों ने टाइम ऑफ फ्लाइट इमेजिंग प्रणाली को सटीक बनाने के लिए रेजोलूशन की डेप्थ को एक हजार गुना बढ़ा दिया। इसके जरिए कार पहले मौजूद तकनीकों की तुलना में कई गुना तेजी और सटीकता से दूरी का पता लगा सकती हैं।
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