Move to Jagran APP

अब स्‍पाइनल डिजीज में कारगर साबित होगी थ्री डी प्रिंटिंग, तुरंत कर सकेंगे सभी काम

वैज्ञानिकों ने रीढ़ की हड्डी की लंबी बीमारी के इलाज के लिए एक थ्रीडी प्रिंटेड डिवाइस तैयार की है। इसकी मदद से बीमार मनुष्य अपना सामान्य कामकाज करने में सक्षम हो सकेगा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 09:32 AM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 09:40 AM (IST)
अब स्‍पाइनल डिजीज में कारगर साबित होगी थ्री डी प्रिंटिंग, तुरंत कर सकेंगे सभी काम
अब स्‍पाइनल डिजीज में कारगर साबित होगी थ्री डी प्रिंटिंग, तुरंत कर सकेंगे सभी काम

वाशिंगटन [प्रेट्र]। मानव शरीर में रीढ़ की हड्डी की बीमारी का नया इलाज खोजा गया है। वैज्ञानिकों ने रीढ़ की हड्डी की लंबी बीमारी के इलाज के लिए एक थ्रीडी प्रिंटेड डिवाइस तैयार की है। इसकी मदद से बीमार मनुष्य अपना सामान्य कामकाज करने में सक्षम हो सकेगा।

loksabha election banner

मनुष्य के शरीर में रीढ़ की हड्डी को सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। बिना इसके हम उठ-बैठ भी नहीं पाते हैं। पूरा तंत्रिका तंत्र इसी के जरिए संचालित होता है, जिससे कि शरीर के सारे अंग मस्तिष्क के निर्देश पर काम करते हैं। अब तक रीढ़ की हड्डी के रोगों का पुख्ता इलाज मौजूद नहीं है, लेकिन अमेरिका की मिनिएसोटा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने थ्रीडी प्रिंटेड डिवाइस तैयार की है, जिससे रीढ़ की हड्डी के गंभीर रोगों का भी इलाज हो सकेगा।

सिलिकॉन की बनी यह डिवाइस एक प्रकार की गाइड होगी जो सक्रिय कोशिकाओं की प्रिंटिंग के लिए आधार का काम करेगी। जनरल एडवांस्ड फंक्शनल मैटीरियल्स में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि इस डिवाइस को ऑपरेशन के जरिये रीढ़ की हड्डी के चोट वाले भाग में स्थापित किया जाएगा। यह डिवाइस सक्रिय कोशिकाओं और चोट वाले हिस्से के बीच एक पुल की तरह कार्य करेगी।

वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे मरीजों को दर्द में तो आराम मिलेगा ही, उनकी मांसपेशियां, आंतें और यूरीन सिस्टम भी दोबारा काम कर सकेंगे। इससे सामान्य काम में भी मदद मिलेगी।

यूनिवर्सिटी ऑफ मिनिएसोटा के असिस्टेंट प्रोफेसर माइकल मैकल्पाइन का कहना है कि ऐसा पहली बार है जब वैज्ञानिकों ने ऐसी कोई डिवाइस तैयार की है जो वयस्क मनुष्य की कोशिकाओं का सीधे थ्रीडी प्रिंट तैयार कर सके और सक्रिय कोशिकाओं के रूप में उनका विभाजन कर सके। बायोइंजीनिर्यंरग के प्रयोग से शोधकर्ता ऐसा करने में सक्षम हो पाए हैं।

ऐसे करती है कार्य

इंजीनियरों ने थ्रीडी प्रिंटिंग की मदद से सिलिकन गाइड पर कोशिकाओं की प्रिंटिंग की। गाइड और सेल के प्रिंट के लिए एक ही प्रिंटर का प्रयोग किया गया। यह गाइड कोशिकाओं को जीवित रखने और उन्हें न्यूरॉन्स में बदलने कार्य करती है।

वैज्ञानिकों ने फिलहाल इस डिवाइस का नमूना तैयार किया है जिसे प्रयोग के तौर पर रीढ़ की हड्डी में चोट वाली जगह पर जोड़ा जाएगा। शोधकर्ताओं का कहना कि यदि अगला प्रयोग भी सफल रहा तो यह रीढ़ की हड्डी के रोगियों के उपचार के लिए बहुत बड़ा कदम होगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.