शीशे के घरों में रहने वाले हो जाएं सावधान! नहीं तो...
कांच से आने वाले प्रकाश में यूवीए की सघनता बढ़ जाती है। इसलिए ज्यादा देर तक कांच से छनकर आ रही धूप में बैठना नुकसान का कारण भी बन सकता है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। सूरज की रोशनी जीवन के लिए कितनी महत्वपूर्ण है, यह कोई छिपा तथ्य नहीं है। सूर्य का प्रकाश धरती पर जीवन होने के सबसे अहम कारकों में से है। किसी व्यक्ति की सेहत पर भी सूर्य की रोशनी का सीधा असर होता है। सेहत और सूर्य की रोशनी के बीच संबंध में सबसे अहम कड़ी है विटामिन डी। स्वस्थ जीवन जीने और हड्डियों को मजबूत रखने में विटामिन डी का बड़ा योगदान है। हड्डियों में कैल्शियम के अवशोषण के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है।
विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है सूर्य का प्रकाश। सूर्य के प्रकाश में उपस्थित पराबैंगनी किरणों (अल्ट्रावॉयलेट) से क्रिया करके हमारी त्वचा खुद विटामिन डी का निर्माण करती है। लिवर और किडनी जैविक रूप से निष्कि्रय इस विटामिन डी को सक्रिय घटक में बदल देते हैं। शरीर का इसका प्रयोग कैल्शियम का अवशोषण करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में करता है। इसीलिए चिकित्सक सुझाव देते हैं कि हर व्यक्ति को रोजाना कम से कम 10-15 मिनट का समय सूर्य की रोशनी में गुजारना चाहिए।
शीशे में छन जाती है रोशनी
सूर्य के प्रकाश में दो प्रकार की पराबैंगनी किरणें यूवीए और यूवीबी होती हैं। यूवीए त्वचा में ज्यादा अंदर तक प्रवेश करने में सक्षम होती है और समय से पहले झुर्रियों का कारण बन सकती है। वहीं यूवीबी त्वचा पर जलन और लाल निशान का कारण बनती है। यही यूवीबी ही विटामिन डी के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू करती है। प्राय: खिड़कियों में इस्तेमाल होने वाले सभी कांच यूवीबी को रोकने में सक्षम होते हैं। इसलिए किसी गाड़ी की खिड़की या घर में कांच की दीवारों के अंदर बैठकर धूप सेकने से शरीर में विटामिन डी का निर्माण नहीं हो पाता।
कांच से आने वाले प्रकाश में यूवीए की सघनता बढ़ जाती है। इसलिए ज्यादा देर तक कांच से छनकर आ रही धूप में बैठना नुकसान का कारण भी बन सकता है। अमेरिका के बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ. माइकल होलिक ने कहा, 'सर्दी हो या गर्मी, शीशे के भीतर बैठकर धूप लेने से विटामिन डी नहीं बनता।'