चंद्रमा पर सात दिन बिताएंगे अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, 60 साल बाद चांद पर उतरेंगे अंतरिक्ष यात्री
नासा ने कंपनियों से चांद पर उतरने के लिए अंतरिक्ष यान, एक यान से दूसरे में जाने के लिए वाहन और ईंधन भरने वाली प्रणाली को विकसित करने का प्रस्ताव देने को कहा है।
वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने 2028 में अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजने की योजना जारी की है। इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री चांद पर सात दिन बिताने के बाद वहां से लौटेंगे। एजेंसी के प्रमुख जिम ब्राइडेंस्टाइन ने कहा कि 2028 से पहले 2024 व 2026 में ट्रायल के लिए मानवरहित मिशन भी भेजे जाएंगे। गुरुवार को उन्होंने पूरे मिशन का प्लान लांच किया।
ब्राइडेंनस्टाइन ने कहा, 'इस बार हम वहां अपने देश का झंडा या पैरों के निशान छोड़ने के लिए नहीं जा रहे हैं। हम वहां रुकने जा रहे हैं।' इसी कारण नए मिशन की योजना 'अपोलो' से अलग बनाई गई है। अपोलो 11 मिशन के तहत ही 1969 में नील आर्मस्ट्रांग चांद की सतह पर उतरने वाले पहले व्यक्ति बने थे। उस मिशन के करीब 60 साल बाद दोबारा अंतरिक्ष यात्रियों को उपग्रह पर भेजा जाएगा।
नए मिशन के लिए उपकरण और अंतरिक्ष यान विकसित करने में इस बार कमर्शियल कंपनियों की मदद ली जा रही है। नासा ने कंपनियों से चांद पर उतरने के लिए अंतरिक्ष यान, एक यान से दूसरे में जाने के लिए वाहन और ईंधन भरने वाली प्रणाली को विकसित करने का प्रस्ताव देने को कहा है। चुनी गई कंपनियों को अपने प्रस्ताव पर काम करने के लिए नासा 90 लाख डॉलर देगी। सबसे बेहतरीन प्रस्ताव बनाने वाली दो कंपिनयों को अपनी योजना को मूर्त रूप देने का मौका मिलेगा। उनके द्वारा बनाए गए यान और उपकरण को चांद की कक्षा में बनाए गए स्पेस स्टेशन में लांच किया जाएगा। नासा अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ 2020 तक चांद की कक्षा में लूनर ऑर्बिटल प्लेटफॉर्म विकसित करने की दिशा में काम कर रही है।
तीन चरण में पूरा होगा मिशन
पहले अंतरिक्ष यात्री चांद की कक्षा में बने स्पेस स्टेशन में पहुंचेंगे। 2024 में अंतरिक्ष यान को गेटवे से चांद की सतह पर भेजा जाएगा। 2026 में सतह पर भेजने के साथ वहां से वापस आने के मिशन का भी ट्रायल होगा। 2028 में अंतरिक्ष यात्री इन तीन चरणों से गुजरकर अपना मिशन पूरा करेंगे।