एस्टेरॉयड बेनू पर मिले पानी के प्रमाण, नासा ने किया दावा
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस पूरे एस्टेरॉयड पर खनिजों में हाइड्रॉक्सिल अणु हैं। इसका अर्थ है कि कभी किसी समय इन खनिजों का पानी से सामना हुआ था।
वाशिंगटन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने धरती के नजदीक स्थित एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) बेनू पर पानी का प्रमाण देखा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के ओसिरिस-आरईएक्स यान से जुटाए गए डाटा से यह बात सामने आई है। अगस्त से दिसंबर के दौरान यान ने बेनू का अध्ययन किया।
तीन दिसंबर को यान बेनू से 19 किलोमीटर की दूरी पर पहुंचा था। इसके दो स्पेक्ट्रोमीटर ने बेनू पर ऐसे मॉलिक्यूल (अणु) देखे थे, जिनमें ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के परमाणु जुड़े हुए थे। इन अणुओं को हाइड्रोक्सिल कहा जाता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस पूरे एस्टेरॉयड पर खनिजों में हाइड्रॉक्सिल अणु हैं। इसका अर्थ है कि कभी किसी समय इन खनिजों का पानी से सामना हुआ था।
वैज्ञानिकों ने कहा कि बेनू स्वयं इतना छोटा है कि इस पर पानी होना संभव नहीं है। ऐसे में ताजा तथ्य इस बात का संकेत हैं कि किसी समय उस मूल पिंड पर पानी रहा होगा, जिससे टूटकर बेनू बना। यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के वैज्ञानिक एलेन हॉवेल ने कहा, 'यह देखना उत्साहजनक है कि इस तरह के खनिज बेनू की पूरी सतह पर हैं। इसका सीधा अर्थ है कि ऐसे अणु इसकी आंतरिक संरचना का हिस्सा हैं।' वैज्ञानिकों ने इस क्षुद्रग्रह के अध्ययन से सौर मंडल के निर्माण को समझने की नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई।