नासा के TESS का पूरा हुआ पहला मिशन, अनेकों एक्सोप्लेनेट की हुई खोज
दो साल के इस मिशन में पहले एक साल दक्षिणी आकाश के 13 सेक्टरों और दूसरे साल में उत्तरी आसमान की तस्वीरें ली गई। अब इस मिशन को और बढ़ाया गया है।
मैरीलैंड, एएनआइ। नासा के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट (Transiting Exoplanet Survey Satellite, TESS), ने 4 जुलाई को अपना पहला मिशन पूरा कर लिया । इस दौरान इसने 75 फीसद तारों से भरे आसमान की तस्वीरें ले ली। यह इसका दो साल के सर्वे का एक हिस्सा है। TESS ने 66 नए एक्सोप्लेनेट का भी पता लगाया। इसकी पुष्टि के लिए 2100 कैंडिडेट अंतरिक्ष यात्री काम कर रहे हैं।
TESS जैसे मिशन के जरिए एस्ट्रोबायोलॉजी में मदद मिलती है। दो सालों के इस मिशन में पहले साल के दौरान दक्षिणी आकाश के 13 सेक्टरों के ऑब्जर्वेशन में समय खत्म हुआ और दूसरे साल में उत्तरी आसमान की तस्वीरें ली गई। अब इस मिशन को और बढ़ाया गया है। TESS टीम ने सैटेलाइट द्वारा संकलित किए जाने वाले डेटा की प्रक्रिया में इंप्रूवमेंटपट दिखाया। इसका कैमरा अब हर 10 मिनट पर एक पूरी तस्वीर क्लिक करता है जो मिशन के पहले चरण की तुलना में अधिक है।
वर्ष 2018 के अप्रैल माह में ग्रहों की खोज के लिए नासा का सैटेलाइट TESS केप कैनरवल से स्पेस एक्स फाल्कन 9 रॉकेट से लांच किया गया था। इस सैटेलाइट को लांच करने के पीछे किसी ग्रह की खोज के मद्देनजर सबसे बड़े एवं सबसे नजदीकी तारों व पूरे आसमान का सर्वेक्षण असली मकसद था। सौर मंडल के बाहर मौजूद ग्रहों को तलाशने के लिए इस सैटेलाइट को लांच किया गया। हालांकि यह सैटेलाइट रेफ्रिजरेटर से अधिक बड़ा नहीं है। इसके ऊपरी हिस्से में चार कैमरे हैं जो रेडिएशन से इसका बचाव करते हैं।