Artemis I Moon Mission: NASA के आर्टेमिस-1 चंद्र मिशन ने तोड़ा अपोलो-13 का रिकार्ड, जानें कहां तक पहुंचा
नासा ने बताया कि बिना चालक दल वाले ओरियन अंतरिक्ष यान ने 1970 के अपोलो-13 के चंद्र मिशन के दौरान स्थापित रिकार्ड को तोड़ दिया है। पहले का रिकार्ड अपोलो-13 मिशन के नाम था। इसे पृथ्वी से 400171 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया गया था।
वाशिंगटन, एजेंसी। NASA के बिना चालक दल वाले ओरियन अंतरिक्ष यान ने 1970 के अपोलो-13 के चंद्र मिशन के दौरान स्थापित रिकार्ड को तोड़ दिया है। आर्टेमिस मिशन के तहत भेजा गया ओरियन अंतरिक्ष यान पृथ्वी से सबसे अधिक दूरी 4,32,210 किलोमीटर पर पहुंच गया।
ये था अपोलो-13 का रिकार्ड
नासा ने सोमवार देर रात बयान जारी कर कहा कि पहले का रिकार्ड अपोलो-13 मिशन के नाम है। इसे पृथ्वी से 4,00,171 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया गया था। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि अंतरिक्ष यान अच्छी स्थिति में है क्योंकि यह दूर की प्रतिगामी कक्षा में अपनी यात्रा पर है।
मंगल मिशन के बाद सबसे महत्वपूर्ण आर्टेमिस-1
नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने बताया कि कुछ भी अविश्वसनीय नहीं है। इसी सोच के बदौलत हमें आज यह सफलता हासिल हुई है। आर्टेमिस-1 मिशन नासा के मंगल मिशन के बाद सबसे महत्वपूर्ण मिशन है। अंतरिक्ष यान 42 दिनों में चांद की यात्रा कर वापस लौटेगा। 50 साल पहले यूएस अपोलो मिशन के बाद पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर उतारने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
LIVE NOW: The @NASA_Orion spacecraft is about halfway through the #Artemis I mission around the Moon. Hear from NASA leaders on the upcoming milestones leading up to splashdown on Dec. 11. https://t.co/j3pl4zJlBk
— NASA (@NASA) November 28, 2022
11 दिसंबर तक पृथ्वी पर आएगा वापस, प्रशांत महासागर के होगी लैंडिंग
नासा के अनुसार अब इसे लौटने में समय लगेगा और यह 11 दिसंबर तक वापस धरती पर आएगा। दरअसल इसे चंद्रमा के चारों ओर आधी कक्षा पूरी करनी है। इसके बाद यह वापसी के लिए रवाना होगा। इस क्रम में ओरियन एक बार फिर से चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल की सहायता लेगा। यह यान 11 दिसंबर को प्रशांत महासागर में लैंडिंग के साथ धरती पर वापस आएगा।
NASA के अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा की कक्षा में किया प्रवेश, आर्टेमिस-1 मिशन के तहत भेजा गया है ओरियन