Liver Disease in Children: बच्चों में लिवर की बीमारी के लिए जिम्मेदार जीन में पाया गया म्युटेशन
ग्लोबल बर्डेन आफ डिजीज स्टडी के विश्लेषण के दौरान पता चला कि वर्ष 2017 में लिवर सिरोसिस के कारण 13.2 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई जो वैश्विक स्तर पर हुई कुल मौतों का दो प्रतिशत है।
वाशिंगटन, एजेंसी। विज्ञानियों के एक हालिया शोध में पता चला कि एफओसीएडी जीन लोगों, खासकर बच्चों के लिवर को स्वस्थ रखने के लिए कितना आवश्यक है। नेचर जेनेटिक्स नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने बताया है कि एफओसीएडी के लास-आफ-फंक्शन को बच्चों में लिवर सिरोसिस की शुरुआत माना जा सकता है, जो एक घातक बीमारी है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार वाइल्ड जीन की आणविक कार्यप्रणाली में गिरावट व उसके स्वरूप में बदलाव को लास-आफ-फंक्शन कहा जाता है। अध्ययन का नेतृत्व जीनोम इंस्टीट्यूट आफ सिंगापुर (GIS) के विज्ञानियों ने किया।
इसमें दुनियाभर के सात देशों भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, पाकिस्तान, पुर्तगाल, ब्राजील और फ्रांस के अस्पतालों व संस्थानों की भी साझेदारी रही।
लिवर की बीमारी स्वास्थ्य संबंधी बड़ी चिंता के रूप में सामने आ रही है। एक आकलन है कि यह दुनियाभर में होने वाली मौत की पांचवीं सबसे बड़ी वजह हो सकती है।
ये कारक हैं लिवर खराब होने के लिए जिम्मेदार
ग्लोबल बर्डेन आफ डिजीज स्टडी के विश्लेषण के दौरान पता चला कि वर्ष 2017 में लिवर सिरोसिस के कारण 13.2 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जो वैश्विक स्तर पर हुई कुल मौतों का दो प्रतिशत है। लिवर सिरोसिस की पहचान सामान्य तौर पर जीवन के आखिरी दौर में हो पाती है। खराब खानपान, हेपेटाइटिस वायरल व शराब पीने की आदत लिवर सिरोसिस के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं।
डॉक्टरों की सलाह से पाया जा सकता है निजात
बता दें कि लिवर में खराबी आने से शरीर के कई जरूरी फंक्शन पर असर पड़ता है। जिससे एक के बाद एक कई सारी बीमारियां अटैक कर सकती हैं। डॉक्टरों की सलाह से फैटी लीवर और लिवर सिरोसिस जैसी समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।
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