मोबाइल फोन डाटा की मदद से दो हफ्ते पहले ही कोरोना के फैलाव का लग सकता है अनुमान
वैज्ञानिकों की मानें तो मोबाइल फोन डाटा की मदद से लोगों की गतिविधियों की जानकारी हासिल कर कोरोना संक्रमण के फैलाव का करीब दो हफ्ते पहले अनुमान लगाया जा सकता है।
न्यूयॉर्क, पीटीआइ। मोबाइल फोन डाटा की मदद से लोगों की गतिविधियों की जानकारी हासिल कर कोरोना संक्रमण के फैलाव का करीब दो हफ्ते पहले अनुमान लगाया जा सकता है। नेचर पत्रिका में प्रकाशित शोध में इसका विश्लेषण किया गया है कि कोरोना संक्रमण के फैलाव के शुरुआती दौर (जनवरी 2020) में वुहान (चीन) से बाहर कितने लोग कहां-कहां गए। अमेरिका के येल यूनिवर्सिटी के निकोलस क्रिस्टाकिस समेत अन्य वैज्ञानिकों का मानना है कि किसी भी रोग के स्थानीय स्तर पर फैलने की वजह लोगों की आवाजाही है जो बाद में महामारी बन जाती है।
शोधकर्ताओं ने चीन के 1.1 करोड़ से अधिक ऐसे लोगों के मोबाइल फोन डाटा का विश्लेषण किया, जिन्होंने 1-24 जनवरी 2020 के बीच वुहान में कम से कम दो घंटे बिताए थे। शोधकर्ताओं ने इसे चीन के 31 प्रांतों के 296 क्षेत्रों में 19 फरवरी तक के कोरोना संक्रमण दर से जोड़ा। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि वुहान से बाहर गए लोगों के बारे में पता लगाकर चीन में कोरोना संक्रमण के फैलाव वाली जगह एवं संक्रमण की तेजी के बारे में दो हफ्ते पहले ही सही-सही जानकारी हासिल की जा सकती थी।
उल्लेखनीय है कि चीन में मोबाइल यूजर्स के डाटा का हवाला देते हुए पिछले महीने एक बड़ा खुलासा किया गया था। न्यूयॉर्क में रहने वाली चीनी ब्लॉगर जेनिफर जेंग ने मोबाइल यूजर्स को लेकर गत 19 मार्च को एक आंकड़ा पोस्ट किया था जिसमें सेलफोन यूजर्स की संख्या 1.60 अरब से घटकर 1.58 अरब बताई गई थी। यही नहीं मोबाइल फोन यूजर्स की संख्या में भारी गिरावट का हवाला देते हुए दावा किया था कि चीन में मौतों का आंकड़ा ज्यादा हो सकता है। दावों के मुताबिक, चीन में तीन महीनों के दौरान 2.1 करोड़ मोबाइल फोन यूजर कम हो गए थे। सनद रहे ये वही तीन महीने थे जिस दौरान चीन में कोरोना फैलना शुरू हुआ था।