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Pompeo visit to Germany: अमेरिकी विदेश मंत्री की तीन दिवसीय यात्रा, मर्केल से होगी मुलाकात

Pompeo visit to Germany अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो बुधवार को जर्मनी के अपने तीन दिवसीय दौरे की शुरुआत करेंगे।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 07:52 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 08:26 AM (IST)
Pompeo visit to Germany: अमेरिकी विदेश मंत्री की तीन दिवसीय यात्रा, मर्केल से होगी मुलाकात
Pompeo visit to Germany: अमेरिकी विदेश मंत्री की तीन दिवसीय यात्रा, मर्केल से होगी मुलाकात

वाशिंग्टन, आइएएनएस। Pompeo visit to Germany, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो बुधवार को जर्मनी के अपने तीन दिवसीय दौरे की शुरुआत करेंगे।अमेरिकी विदेश विभाग ने इसकी जानकारी दी है। अमेरिकी विदेशमंत्री 6 से 8 नवंबर तक जर्मनी की यात्रा पर रहेंगे।

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इस दौरान वह बर्लिन वॉल गिरने की 30 साल पूरा होने पर एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उनकी इस यात्रा की जानकारी देते हुए एक ब्रीफिंग में कहा। सिन्हुआ न्यूज ने बताया कि अपनी इस यात्रा के दौरान, पोंपियो जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, विदेश मंत्री हेइको मास और अन्य वरिष्ठ जर्मन अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे। 

पांच जर्मन शहरों का दौरा

पोंपियो पांच जर्मन शहरों का दौरा करेंगे। वो इस दौरान यूएस आर्मी बेस भी जाएंगे, जहां उन्होंने 1980 के दशक में एक टैंक कमांडर के रूप में काम किया था। बर्लिन में, उन्हें पूर्वी और मध्य यूरोप में मदद के लिए अमेरिकी भूमिका को लेकर एक भाषण भी देना है। 

काफी महत्वपूर्ण यात्रा

बता दें कि पोंपियो की यह यात्रा दोनों देशों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। अमेरिका और जर्मनी नाटो सहयोगी देश हैं। इस समय दोनों में कई मुद्दों पर असहमति है। इसमें रक्षा खर्च, ईरान परमाणु मुद्दे के साथ-साथ नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन परियोजना शामिल है। इस परियोजना जर्मनी और रूस समर्थन करते हैं। अमेरिका इसका विरोध करता रहा है। 

अमेरिकी चिंताओं पर चर्चा

मर्केल और हेइको मास के साथ बातचीत के दौरान पोंपियो रूस, चीन और ईरान से आर्थिक और रणनीतिक खतरों को लेकर अमेरिकी चिंताओं पर चर्चा करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन के लिए अमेरिकी विरोध को दोहराने की उम्मीद है। 

क्यों अमेरिका कर रहा विरोध

रूस से यूरोप तक बाल्टिक सागर के माध्यम से लगभग 1,200 किलोमीटर (746-मील) के इस प्राकृतिक गैस परिवहन की योजना का ट्रंप प्रशासन और कई यूरोपीय देश विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि  यह ऊर्जा के लिए रूस पर यूरोप की निर्भरता को बढ़ाएगा।


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