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समुद्री धाराओं को प्रभावित करती आर्कटिक की पिघलती बर्फ, पश्चिमी यूरोप की बदल सकती है जलवायु

आर्कटिक में ग्रीष्मकाल में बर्फ के आवरण में दशकों से चली आ रही गिरावट का एक कारण ब्यूफोर्ट गायर भी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 07:14 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 07:14 PM (IST)
समुद्री धाराओं को प्रभावित करती आर्कटिक की पिघलती बर्फ, पश्चिमी यूरोप की बदल सकती है जलवायु
समुद्री धाराओं को प्रभावित करती आर्कटिक की पिघलती बर्फ, पश्चिमी यूरोप की बदल सकती है जलवायु

लॉस एंजिलिस, प्रेट्र। आर्कटिक में बर्फ के पिघलने से समुद्री धाराएं प्रभावित हो रही हैं। एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि पश्चिमी यूरोप को गर्म रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महासागरीय पानी के प्रवाह में बर्फीले ताजे पानी के मिलने से समुद्री धाराएं बाधित हो रही हैं। यदि ऐसा लंबे समय तक चलता रहा तो आने वाले समय में इस क्षेत्र की जलवायु पूरी तरह बदल सकती है।

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ब्यूफोर्ट गायर ध्रुवीय वातावरण को संतुलित रखती है

अमेरिका स्थित नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के वैज्ञानिकों के अनुसार, ब्यूफोर्ट गायर नामक समुद्री जल धारा आर्कटिक महासागर की सतह के पास ताजे पानी के भंडारण से ध्रुवीय वातावरण को संतुलित रखती है।

हवा घड़ी की दिशा में गायर की ओर बढ़ती है

जर्नल नेचर कम्युनिकेशन में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि कनाडा के उत्तर में पश्चिमी आर्कटिक महासागर के चारों ओर हवा घड़ी की दिशा में गायर की ओर बढ़ती है, जहां यह प्राकृतिक रूप से ग्लेशियरों से पानी नमी के रूप में एकत्र करती है।

आर्कटिक का बर्फीला पानी जलवायु परिवर्तन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है

शोधकर्ताओं ने कहा कि आर्कटिक का बर्फीला पानी तभी तक महत्वपूर्ण है जब तक यह गर्म और खारे पानी की ओर बहता है। इसी पानी के कारण सुमद्री बर्फ पिघलने से बचती है। कुल मिलाकर यह जलवायु परिवर्तन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।

आर्कटिक से बर्फ पिघल कर सागर में समा रही हैं जिससे धाराओं का फैलाव कम होने लगा

उन्होंने कहा कि आर्कटिक से बर्फ पिघल कर धीरे-धीरे सागर में समा रही हैं, जिससे महासागर की धाराओं का फैलाव कम होने लगा है, क्योंकि उसमें ताजा और ठंडा पानी ज्यादा मात्रा में मिल रहा है। शोधकर्ताओं ने कहा कि 1990 के बाद से अब तक यहां 8000 क्यूबिक किलोमीटर ताजा पानी समा चुका है, जो अमेरिका के मिशीगन की दो झीलों के कुल द्रव्यमान के बराबर है।

अधिक पिघल रही है बर्फ

नए अध्ययन के मुताबिक, महासागरों में ताजा पानी ज्यादा मात्रा में समाहित होने से समुद्री बर्फ अधिक पिघलने लगी है। वैज्ञानिकों ने बताया कि आर्कटिक में ग्रीष्मकाल में बर्फ के आवरण में दशकों से चली आ रही गिरावट का एक कारण, ब्यूफोर्ट गायर भी है। उन्होंने कहा कि तेज हवाओं के कारण इसके आकार में वृद्धि हुई है। साथ ही, यह ताजे पानी को आर्कटिक महासागर में जाने से भी रोक रही है। अध्ययन में कहा गया है कि हर पांच से सात साल में हवाएं दिशा बदल देती हैं, लेकिन दशकों से चली आ रही पश्चिमी हवाएं असामान्य हैं।

जलवायु पर व्यापक प्रभाव

नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी से इस अध्ययन के प्रमुख लेखक टॉम आर्मिटेज ने कहा, 'अगर ब्यूफोर्ट गायर अटलांटिक महासागर में अतिरिक्त ताजा पानी छोड़ता है तो यह संभवत: इसके संचलन को धीमा कर सकता है और विशेष रूप से पश्चिमी गोलार्ध की जलवायु पर इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा।


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