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एंटीवायरस सॉफ्टवेयर McAfee के फाउंडर जॉन डेविड मैकफी ने की आत्महत्या, स्पेन की अदालत ने दी थी अमेरिका प्रत्यर्पण की मंजूरी

टैक्स चोरी मामले में वांटेड एंटीवायरस मैकफी के फाउंडर जॉन डेविड मैेकेफी ने स्पेन की जेल में आत्महत्या कर ली। इससे कुछ देर पहले ही कोर्ट ने उनके अमेरिका प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी थी जहां वे वांटेड थे।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 09:03 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 09:03 AM (IST)
एंटीवायरस McAfee के फाउंडर ने की आत्महत्या, स्पेन की जेल में काट रहे थेे सजा

 मैड्रिड, एएफपी। स्पेन के जेल में कैद की सजा भुगत रहे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर के पायनियर जॉन मैकफी (John McAfee) बुधवार को मृत पाए गए। यह जानकारी जेल के एक अधिकारी ने दी। इस घटना के कुछ देर पहले ही कोर्ट ने उनके अमेरिका प्रत्यर्पण की मंजूरी दी थी जहां वे टैक्स चोरी मामले में वांटेड हैं। कैटालोनिया में जेल व्यवस्था की महिला प्रवक्ता ने बताया, ' 75 वर्षीय मैकफी ने जेल में आत्महत्या कर ली।' दुनिया का पहला एंटीवायरस बनाने वाले और एंटी वायरस साफ्टवेयर मैकफी के निर्माता जॉन डेविड मैकफी एंटीवायरस के गुरु कहे जाते हैं।

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20 जून को उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से फादर्स डे के मौके पर शुभकामनाएं दी थीं। इस ट्वीट में उन्होंने हैशटैग फ्री जॉन मैकेफी लगाया था और एक पत्र पोस्ट किया था। इसके पहले 16 जून को ट्वीट में लिखा है, 'अमेरिका का मानना है कि मैंने क्रिप्टो छिपाया। काश ऐसा करता लेकिन यह टीम मैकेफी के हाथों खत्म हो गया और बाकी की मेरी संपत्ति जब्त कर ली गई है। मेरे मित्र भी एसोसिएशन खत्म होने की आशंका में दूर हो गए। मेरे पास कुछ नहीं है।'

एक सरकारी अधिकारी ने बुधवार को ही इस बारे में सूचना देते हुए बताया कि 75 वर्षीय ब्रिटिश अमेरिकी जॉन डेविड मैकफी के पास अब भी अपील करने का विकल्प था। क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने वाले और उससे जालसाजी करने के आरोपित रहे मैकफी कर चोरी समेत कई अपराधों के आरोप टेनेसी से लेकर मध्य अमेरिका तक लगते रहे हैं। स्पेन के नेशनल कोर्ट ने सोमवार को मैकफी के खिलाफ आदेश जारी करते हुए उन्हें अमेरिका प्रत्यर्पित करने का फैसला लिया गया है। मैकफी का कहना था कि उन पर लगे आरोप टेनेसी के अभियोजन के खिलाफ राजनीति से प्रेरित हैं।

मैकफी की निधन के बाद उनके वकील निशय सैनन ने कहा कि उन्हें अपने देश से प्यार था लेकिन अमेरिकी सरकार ने उनका अस्तित्व ही वहां खत्म कर दिया। उन्हें मैकफी को पूरी तरह से मिटाने की कोशिश की,लेकिन वह नाकाम रहे। वकील ने कहा कि स्पेन के प्रशासन ने अभी तक उनकी मौत का कारण नहीं बताया है। वह यह भी जानना चाहते थे कि जेल में मैकफी की सेल के आसपास निगरानी के लिए कैमरे लगे हैं कि नहीं। जेल प्रशासन की ओर से कहा गया है कि मैकफी की मौत मामले में जांच की जा रही है।

कोर्ट के आदेश के अनुसार अमेरिकी न्यायिक अधिकारियों द्वारा 2016 से 2018 के लिए टैक्स चोरी मामले में वांटेड जॉन डेविड मैकेफी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दिया गया। बता दें कि 2014 और 2018 के बीच मैकेफी पर जानबूझकर टैक्स रिटर्न दाखिल न करने का आरोप बार्सिलोना एयरपोर्ट से 2020 में गिरफ्तार किए गए मैकेफी ब्रिटिश पासपोर्ट के साथ बार्सिलोना एयरपोर्ट पर इस्तांबुल के लिए रवाना होने वाले थे। मैकेफी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाई कोर्ट में पेश किया गया और बगैर जमानत जेल भेज दिया गया। यहां उन्हें प्रत्यर्पण के लिए आगे की प्रक्रिया तक कैद में रखा गया।

मैकेफी ने क्रिप्टो करेंसी व कंसल्टिंग वर्क के जरिए लाखों की कमाई की थी और अपनी जीवनी के अधिकार भी बेचे थे लेकिन उन्होंने इनकम टैक्स नहीं भरा। यदि उन्हें दोषी करार दिया जाता तो 30 साल की सजा हो सकती थी। इससे पहले भी मैकेफी डोमिनिकन रिपब्लिक देश में हथियार और गोला बारूद ले जाने को लेकर गिरफ्तार हुए थे। टेनेसी के अभियोजन पक्ष के अनुसार पांच वित्तीय वर्ष 2014 से 2018 तक उनको जुर्माने और ब्याज के रूप में अमेरिकी सरकार को 4,214,105 डालर की रकम चुकानी थी।

इंग्लैंड के ग्लूसेस्टरशायर में वर्ष 1945 को जन्मे जॉन डेविड मैकफी ने मैकफी एसोसिएट्स की स्थापना 1987 में की थी। 1990 की शुरुआत में कंपनी का नाम उनके नाम पर रखा गया था। एंटीवायरस साफ्टवेयर कंपनी को उन्होंने 2011 में कैलीफोर्निया की चिपमेकर कंपनी इनटेल को 7.68 अरब डालर में बेच दिया था। मैकफी ने इस कंपनी के एक हिस्से को साइबर सुरक्षा कंपनी का रूप दे दिया था। मैकफी से वर्ष 2012 में ग्रेगरी वियांट फौल की

मौत के संबंध में भी पूछताछ होनी थी। मैकफी पर 2019 में फौल इस्टेट के मौत के हर्जाने को गलत तरीके से वसूलने के आरोप में 2.50 करोड़ डालर फ्लोरिडा की अदालत के आदेश पर चुकाने थे। मैकफी ने अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव भी दो बार लड़ा था और वर्ष 2016 में वह लिब्रेशियन पार्टी की डिबेट का भी हिस्सा थे।


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