Mars Mission 2020: मंगल को जानने का मौका देगा नासा, लाइव दिखेगी रोवर की लैंडिंग
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में समय बिताने के लिए अगर आमोटी रकम नहीं चुका सकते तो नासा अब ऐसी व्यवस्था करने जा रहा है कि लोग मंगल ग्रह को करीब से देख और जान पाएंगे।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अंतरिक्ष के बारे में जानने के लिए हर कोई उत्सुक रहता है। हमारा ब्रह्मांड इतना विशाल और अचरज से भरा हुआ है कि इसके गूढ़ रहस्यों को जान पाना आसान नहीं है। फिर भी बहुत से लोगों का सपना होता है एक बार वे अंतरिक्ष की सैर जरूर करें। हममें से कई लोगों का यह सपना अब सच भी हो सकता है, क्योंकि आगामी कुछ वर्षो में नासा पर्यटकों के लिए भी अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन खोलने वाला है।
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में समय बिताने के लिए लोगों को मोटी रकम भी चुकानी होगी, लेकिन नासा अब ऐसी व्यवस्था करने जा रहा है कि लोग मंगल ग्रह को करीब से देख और जान पाएंगे। इसके लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने वर्ष 2020 में मंगल पर जाने वाले अपने रोवर में एक वेबकैम लगाया है, जिसके माध्यम से दुनियाभर के लोग रोवर की लाइव लैंडिंग देख सकेंगे। नासा के इस कदम से लोगों को यह पता चलेगा कि प्रक्षेपण से पहले नासा की जेट प्रोपेल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) में इंजीनियर और तकनीशियन कैसे अपने काम को अंजाम देते हैं।
जेपीएल में मंगल मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर जॉन मैकनेमे ने कहा, ‘मिशन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। व्यक्तिगत तौर पर इस मिशन से जुड़कर पहले ही खुश हूं और अब आम लोग भी लाल ग्रह के मिशन से जुड़ पाएंगे और हमारी प्रगति देख सकेंगे।’ उन्होंने कहा कि लोगों के लिए यह किसी सुनहरे मौके से कम नहीं है। अगर किसी व्यक्ति को रोवर के बारे में कोई जानकारी चाहिए होगी तो जेपीएल की सोशल मीडिया की टीम से वेब चैट के जरिये उसे हासिल कर सकेंगे।
नासा के मुताबिक पूरा रोवर बन जाने के बाद इसे जुलाई 2020 में फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित किया जाएगा। 18 फरवरी 2021 को यह रोवर मंगल ग्रह में पहुंच जाएगा। वहां पर यह रोवर रहने योग्य परिस्थितियों के संकेतों की तलाश करेगा और ग्रह की सतह के नमूनों को भी इकट्ठा करेगा।
कैप्सूल और स्टारलाइनर विमानों से भेजे जाएंगे यात्री
नासा के वित्तीय अधिकारी जेफ डेविट ने बीते दिन कहा था कि नासा अंतरिक्ष पर्यटन सहित अन्य व्यावसायिक उपक्रमों के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को खोलेगा और हर साल पर्यटन के लिहाज से दो छोटी निजी अंतरिक्ष यात्र के मिशन रखे जाएंगे। एक मिशन 30 दिनों के लिए होगा और प्रत्येक साल लगभग एक दर्जन पर्यटक आइएसएस की यात्र कर सकेंगे। यात्रियों को नासा के लिए काम करने वाली कंपनी स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल और बोइंग के स्टारलाइनर विमानों से भेजा जाएगा।
जारी है क्यूरोसिटी मार्स रोवर का मिशन
नासा के क्यूरोसिटी मार्स रोवर का अभियान जारी है। पिछले दिनों इस रोवर ने मंगल पर चिकनी मिट्टी के खनिजों का अब तक का सबसे बड़ा भंडार खोजा था। क्यूरोसिटी रोवर अब इन खनिजों पर यह अन्वेषण कर यह पता लगाएगा कि क्या अरबों साल पहले वहां जीवन के लिए उपयुक्त परिस्थितियां मौजूद थीं। चिकनी मिट्टी का निर्माण अकसर जल से होता है। ऐसे में वैज्ञानिकों का अनुमान है कि किसी युग में वहां जीवन रहा हो। नासा के मुताबिक अभी क्यूरोसिटी मार्स रोवर का मिशन जारी है। हो सकता है कि जल्द ही हम कई अन्य नई सूचनाओं के गवाह बनें।
अपॉर्च्युनिटी रोवर की खास भूमिका
इससे पहले नासा का अपॉच्यरुनिटी रोवर मंगल से नई-नई जानकारियां वैज्ञानिकों तक पहुंचाता था। 15 साल तक इस यान ने मंगल पर रह कर कई सूचनाएं पृथ्वी तक पहुंचाईं और बाद में वहां आए एक रेतीले तूफान के कारण इस रोवर से नासा का संपर्क टूट गया। कुछ समय बाद नासा ने अपॉर्च्युनिटी रोवर को मृत घोषित कर दिया था।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप