Global Warming के खतरे का सबसे अधिक सामना कर रहे समुद्री जीव, हो सकते हैं विलुप्त
अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी (आरयू) के वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे जीविका व खान-पान के लिए समुद्री जीवों पर निर्भर इंसान को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
वाशिंगटन, प्रेट्र । समुद्र व महासागर में रह रहे जीव ग्लोबल वार्मिग (Global Warming) के खतरे का सबसे अधिक सामना कर रहे हैं। जमीन पर रहने वाले थलचर जीवों की तुलना में उनके विलुप्त होने की आशंका दो गुना अधिक है। एक अध्ययन में इसका दावा किया गया है। अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी (आरयू) के वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे जीविका व खान-पान के लिए समुद्री जीवों पर निर्भर इंसान को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
400 प्रजातियों का किया गया अध्ययन
बता दें कि यह पहला शोध हैं, जिसमें समुद्र व जमीन पर रहने वाले जीवों पर ग्लोबल वार्मिग व पृथ्वी के बढ़ते तापमान के प्रभावों की तुलना की गई है। शोध के दौरान छिपकली व मकड़ी से लेकर मछलियों तक की करीब 400 प्रजातियों का अध्ययन किया गया।
समुद्री जीवों के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की जरुरत
आरयू के प्रोफेसर मालिन पिंस्की ने कहा, तापमान बढ़ने के कारण समुद्री जीव थलचरों के मुकाबले अपना निवास स्थान दो गुना अधिक तेजी से खो रहे हैं। समुद्री जीवों के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है। ऐसा नहीं होता है तो हमें खासकर आर्थिक रूप से समुद्र पर निर्भर लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।'
तापमान बढ़ने का भी असर
शोधकर्ता का कहना है कि पृथ्वी का तापमान बढ़ने पर जमीन पर रहने वाले जीव जंगल व छायादार जगहों पर छुपकर अपनी रक्षा कर सकते हैं। लेकिन समुद्री जीव के पास यह विकल्प नहीं है। यदि पृथ्वी का तापमान बढ़ता है तो कई सारी समुद्री प्रजातियां नष्ट हो जाएंगी। इससे उनकी विविधता के साथ पारिस्थितिक तंत्र भी बुरी तरह प्रभावित होगा।