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रोमन स्पेस टेलीस्कोप का मुख्य लेंस तैयार, ब्रह्मांड का गहन तरीके से हो सकेगा अध्ययन

नासा के विज्ञानियों ने नैन्सी ग्रेस रोमन स्पेस टेलीस्कोप का मुख्य लेंस तैयार कर किया है। इससे लावारिस ग्रहों को खोजने के लिए ब्रह्मांडीय पिंडों से प्रकाश एकत्रित किया जाएगा।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 07:44 AM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 07:44 AM (IST)
रोमन स्पेस टेलीस्कोप का मुख्य लेंस तैयार, ब्रह्मांड का गहन तरीके से हो सकेगा अध्ययन

वाशिंगटन, आइएएनएस। ब्रह्मांड में हो रही गतिविधियों का अब और गहन तरीके से अध्ययन किया जा सकेगा। क्योंकि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के विज्ञानियों ने नैन्सी ग्रेस रोमन स्पेस टेलीस्कोप का प्राइमरी मिरर (मुख्य लेंस) तैयार कर किया है। इसकी मदद से लावारिस या दुष्ट ग्रहों की खोज करने के लिए ब्रह्मांडीय पिंडों से प्रकाश एकत्रित किया जाएगा। साथ ही इससे हबल टेलीस्कोप के मुकाबले 100 गुना अधिक प्रभावी और स्पष्ट तस्वीरें ली जा सकेंगी।

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लावारिस ग्रहों निष्कासित ग्रह भी कहा जाता है। वास्तविकता में ये ग्रह के आकार की ऐसी वस्तुएं होती हैं जो अपने सौर मंडल से बाहर निकलकर किसी भी तारे या अन्य पिंडों के गुरुत्वाकर्षण से परे होती हैं और सीधे आकाशगंगा की परिक्रमा करती हैं। कुछ खगोलविदों का अनुमान है कि ब्रह्मांड में बुध से दोगुने आकार के असंख्य निष्कासित ग्रह मौजूद हैं।

रोमन टेलीस्कोप को 2025 में लांच करने की तैयारी

मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में रोमन टेलीस्कोप मैनेजर, स्कॉट स्मिथ ने कहा, 'इस मील के पत्थर को हासिल करना बहुत ही रोमांचक था।' उन्होंने कहा कि रोमन टेलीस्कोप को 2025 में लांच करने की तैयारी है। इससे अंतरिक्ष में गुजरने वाली इन्फ्रारेड लाइट (अवरक्त प्रकाश) का अध्ययन करने में मदद मिलेगी। आम आदमी से इसे बिना किसी अतिरिक्त उपकरण के नहीं देख सकता है।

मुख्य लेंस का व्यास 2.4 मीटर और वजन 186 किलोग्राम

स्मिथ ने बताया कि 'रोमन' के मुख्य लेंस का व्यास 2.4 मीटर और वजन 186 किलोग्राम है। हालाकि हबल का लेंस भी इतना ही बड़ा है लेकिन रोमन का भार इसका एक चौथाई है। इसके अलावा इसमें 300 मेगापिक्सल का कैमरा लगा हुआ है, जो हाई रिजोल्यूशन वाली इमेज लेने में सक्षम है।

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