बिना लक्षण वाले बच्चों में हो सकता है कोरोना का निम्न स्तर
क्लीनिकल माइक्रोबायोलाजी पत्रिका में छपे अध्ययन के अनुसार हालांकि इस नतीजे का कारण स्पष्ट नहीं है। कोरोना संक्रमित 800 से ज्यादा बच्चों का विश्लेषण किया गया है। बिना लक्षण वाले बच्चों में इस घातक वायरस का निम्न स्तर पाया गया है।
वॉशिंगटन, पीटीआइ। कोरोना वायरस (कोविड-19) की चपेट में आने वाले बच्चों को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है। इसमें कोरोना संक्रमित 800 से ज्यादा बच्चों का विश्लेषण किया गया है। बिना लक्षण वाले बच्चों में इस घातक वायरस का निम्न स्तर पाया गया है। जबकि उन बच्चों में कोरोना का स्तर ज्यादा पाया गया, जिनमें संक्रमण के लक्षण उभरे पाए गए हैं।
क्लीनिकल माइक्रोबायोलाजी पत्रिका में छपे अध्ययन के अनुसार, हालांकि इस नतीजे का कारण स्पष्ट नहीं है। साथ ही यह बात भी पूरी तरह साफ नहीं है कि वायरस का कितना निम्न स्तर संक्रमण के खतरे पर असर डाल सकता है। अमेरिका के एन एंड रॉबर्ट एच लुरी चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल में बाल चिकित्सा संक्रामक बीमारियों की विशेषज्ञ लैरी कोसिओलेक ने कहा, 'इन निष्कर्षो से जाहिर होता है कि बच्चों को मास्क पहनने के साथ ही शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते रहना चाहिए। उन्हें अपने हाथों को भी निरंतर धोना चाहिए।'
उन्होंने बताया, 'हमने कई उम्र के बच्चों का परीक्षण किया। इनमें बिना लक्षण वाले पीडि़तों से लेकर उन बच्चों का भी विश्लेषण किया गया, जिनमें वायरस का स्तर उच्च था।' शोधकर्ताओं के अनुसार, 17 साल तक के कोरोना पीडि़त बच्चों पर यह अध्ययन किया गया। पीडि़तों में 339 बिना लक्षण वाले और 478 लक्षण वाले बच्चे थे। अमेरिका के बोस्टन चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल की शोधकर्ता नीरा पोलाक ने कहा, 'हमें लगता है कि बिना लक्षण वाले बच्चों में वायरस के स्तर को बेहतर तरीके से समझने के लिए और अध्ययन किए जाने की जरूरत है।'